मुजफ्फरनगर। किदवई नगर में प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में लगे कूड़े के पुराने ढेर का निस्तारण अभी तक अधर में है। प्लांट को संचालित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग की अनुमति न मिलने के कारण ट्रायल रन के बाद ट्रॉमल मशीन को रोक दिया गया है। प्लांट के 4.74 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग चार लाख मीट्रिक टन कूड़ा जमा है। कूड़ा हटाए जाने के बाद खाली जगह में कंपनी नई मशीनें लगाकर नए कूड़े से बिजली उत्पादन शुरू करेगी।
नगर पालिका ने कूड़े से बिजली बनाने के लिए नीदरलैंड की एक कंपनी के साथ अनुबंध किया है। कंपनी किदवई नगर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित कर रही है, लेकिन चार लाख मीट्रिक टन कूड़े के पहाड़ के कारण मशीनों की स्थापना में दिक्कतें आ रही हैं। कूड़ा हटाने की जिम्मेदारी भी कंपनी को दी गई थी। कंपनी ने ट्रॉमल मशीन और अन्य उपकरण स्थापित कर दिए, और ट्रायल रन भी किया गया, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मंजूरी न मिलने के कारण काम को रोकना पड़ा।
प्रोजेक्ट मैनेजर ध्रुव माहेश्वरी ने बताया कि संचालन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। काली नदी पर पुल निर्माण के बाद मशीनरी लाने का रास्ता सुगम बनाने की जिम्मेदारी पालिका की थी, लेकिन रास्ता उपलब्ध न होने के कारण हैवी मशीनरी साइट तक नहीं पहुंच पा रही। इस कारण प्लांट का संचालन अभी ठप पड़ा हुआ है और कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया लंबित है।