दिल्ली-दून हाईवे के छपार टोल प्लाजा का संचालन हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक की कंपनी वीकेएम को सौंपा गया है। शुक्रवार को कंपनी ने टोल वसूली दोबारा शुरू की, लेकिन इस दौरान हटाए गए कर्मचारियों ने हंगामा किया।
सूत्रों के अनुसार, विवादित कर्मचारियों में से एक ने टावर और एक महिला कर्मी ने प्लाजा की छत पर चढ़कर आत्महत्या की चेतावनी दी। स्थानीय लोगों और पुलिस ने समय रहते उन्हें शांत कराया। तय हुआ है कि तीन दिसंबर तक हटाए गए कर्मचारियों के इंटरव्यू लिए जाएंगे और सफल उम्मीदवारों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा।
यह प्लाजा पहले भी विवादों में रहा है। 20 सितंबर की रात यहां से उपप्रबंधक अरविंद पांडेय का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। उनके शव की मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में बरामदगी हुई थी। इसके बाद ठेकेदार अपने समर्थकों के साथ टोल पर धरना देने पहुंचे और कर्मचारियों की सुरक्षा व हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। स्थानीय टोल कर्मचारियों ने भी डेढ़ सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशासन ने टोल वसूली साउथ एशियन कंपनी को सौंप दी थी, जिसके बाद पूर्व प्रमुख मलिक हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने वीकेएम को टोल संचालन का अधिकार पुनः दिया। शुक्रवार को पुराने कर्मचारियों के हटाए जाने के बाद टोल पर फिर से हंगामा हुआ।
एनएचएआई प्रोजेक्ट मैनेजर संतोष कुमार, प्लाजा मैनेजर जलदीप सिंह और पुलिस मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को शांत कराया। इस दौरान महिला कर्मी पायल ने कंट्रोल रूम की छत पर चढ़ने का प्रयास किया, जबकि कर्मचारी प्रमोद टावर पर चढ़ने दौड़ा। दोनों को पुलिस ने सुरक्षित उतार लिया।
पूर्व प्रमुख मलिक ने बताया कि हटाए गए कर्मचारियों के प्रमाणपत्र और पुलिस वेरिफिकेशन के बाद उन्हें टेस्ट के आधार पर फिर से नियुक्त किया जाएगा। उनका कहना था कि प्रक्रिया कर्मचारियों के हित में है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की मंजूरी जरूरी है।
वहीं, विवाद के बाद साउथ एशियन कंपनी सात अक्टूबर से टोल वसूली कर रही थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में एचएचएआई और अन्य संबंधित पक्षों को 11 दिसंबर को सुनवाई के लिए तलब किया है।