मुज़फ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहाकांड से जुड़े सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायालय में हुई। इस दौरान एक महत्वपूर्ण गवाह ने अदालत में पेश होकर तीन पुलिसकर्मियों की शिनाख्त की और गंभीर आरोप लगाए।

गवाह ने अदालत को बताया कि जिन पुलिसकर्मियों की पहचान की गई है, उन्होंने वर्ष 1994 में आंदोलनकारियों की बसों के शीशे तोड़ने के साथ-साथ बस में मौजूद महिलाओं के साथ अभद्रता और गाली-गलौज की थी। शिनाख्त किए गए पुलिसकर्मियों में राकेश कुमार, वीरेंद्र कुमार और कृपाल सिंह शामिल हैं।

इस केस में सोमवार को कुल सात आरोपी अदालत में हाजिर हुए। गवाह को सुरक्षा के बीच अदालत में प्रस्तुत किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि यह मुकदमा उस ऐतिहासिक रात से जुड़ा है जब 1 अक्टूबर 1994 को पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को रामपुर तिराहे पर रोका गया था। इस दौरान पुलिस द्वारा की गई कथित फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई थी। साथ ही महिलाओं से दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी सामने आए थे।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने इस प्रकरण में सात अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त निर्धारित की है।