दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन के बाद वहां के सुपरिंटेंडेंट पर अमर्यादित व्यवहार का आरोप लगा है। समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक का कहना है कि 5 अगस्त को मलिक के निधन के तुरंत बाद अस्पताल प्रशासन ने पार्थिव शरीर हटाने का दबाव बनाया।
हरेंद्र मलिक के अनुसार, उन्होंने और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि मलिक के बेटे के आने तक शव को वहीं रहने दिया जाए, लेकिन अधिकारियों ने इसे मानने से इंकार कर दिया। प्रधानमंत्री का शोक संदेश आने के बाद ही कुछ समय के लिए शव को रोका गया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद आरएमएल अस्पताल में दोपहर 1:12 बजे निधन हो गया था। वह किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और 11 मई से भर्ती थे। उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था।
हरेंद्र मलिक ने कहा, “हमारे देश में परंपरा है कि किसी के निधन के बाद दुश्मनी भुला दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। यह दुखद है कि पूर्व राज्यपाल के साथ यह व्यवहार हुआ। आज उनके साथ हुआ, कल किसी और के साथ भी हो सकता है।”