मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी (सपा) ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब ककरौली क्षेत्र में प्रस्तावित पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) सभा को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। इस कदम से सपा कार्यकर्ताओं में नाराज़गी फैल गई और पार्टी नेताओं ने सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया।

यह घटना मंगलवार दोपहर ककरौली में हुई, जहां सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी की मौजूदगी में सभा आयोजित की जानी थी। सपा नेताओं का कहना है कि कार्यक्रम की सूचना पहले ही प्रशासन को दी गई थी, फिर भी पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर कार्यक्रम बंद करा दिया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभा के लिए कोई लिखित अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए इसे रोका गया। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “यह विपक्ष को कमजोर करने की साजिश है। ऐसी सभाओं के लिए केवल सूचना दी जाती है, अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं होती।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन जानबूझकर कार्यक्रम को रोका गया। क्या भाजपा अपने आयोजनों के लिए अनुमति लेती है? हमारे साथ भेदभाव क्यों?” चौधरी ने दावा किया कि योगी सरकार अखिलेश यादव के पीडीए अभियान से घबराई हुई है, इसलिए ऐसी कार्रवाई की जा रही है।

सपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि इस तरह की घटनाएं जारी रहीं, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन तेज करेगी। उनका कहना है कि यह लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार है और प्रशासन को इसका जवाब देना होगा।

इस बीच, सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान पर भी निशाना साधा। हाल ही में एक निजी कार्यक्रम में बालियान ने खुद अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि “बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है।”

जिया चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा, “जब बालियान खुद मंत्री थे, तब उन्हें भ्रष्टाचार नहीं दिखा। सत्ता से बाहर होने के बाद ही अब उनकी आंखें खुली हैं। यह बयान साबित करता है कि योगी सरकार भ्रष्टाचार की गढ़ बन चुकी है।”

सपा नेताओं का कहना है कि बालियान का बयान बीजेपी के भीतर बढ़ते असंतोष और आंतरिक कलह को उजागर करता है। पार्टी ने ऐलान किया है कि अब पीडीए अभियान को वर्चुअल माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि प्रशासनिक रुकावटों के बावजूद जनसंपर्क अभियान जारी रखा जा सके।