भोपा (मुजफ्फरनगर)। 15 साल से फरार चल रहे दो सगे भाइयों धीरज और नीरज को एसटीएफ नोएडा यूनिट ने दबोच लिया। दोनों पर ताऊ और चचेरे भाई की हत्या का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद आरोपितों ने कबूल किया कि वारदात के बाद उन्होंने गांव और जिला छोड़ दिया था और नाम बदलकर बाहर मजदूरी करने लगे। उनका कहना था कि योगी सरकार बनने के बाद तो वे यूपी की सीमा में भी दाखिल नहीं हुए।

जमीन विवाद से हुआ था डबल मर्डर
सीओ भोपा देवव्रत वाजपेई ने बताया कि 2009 में प्रोफेसर राजकरण और 2010 में उनके बेटे विनोद की हत्या जमीन विवाद को लेकर हुई थी। इस मामले में धीरज और नीरज समेत उनके पिता ऋषिपाल, मां बाला व अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया था। ऋषिपाल, बाला और कुछ अन्य आरोपित जेल गए और सजा भी हुई, लेकिन धीरज और नीरज फरार हो गए। इस दौरान उनकी मां बाला की मौत हो गई।

कुर्की और गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद भी रहे फरार
लंबे समय तक गिरफ्त से दूर रहे आरोपितों के मकानों की कुर्की और गैंगस्टर की कार्रवाई भी हुई। पुलिस ने दोनों पर 40-40 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। शुक्रवार को गुप्त सूचना पर एसटीएफ ने धीरज को अहमदाबाद और नीरज को जयपुर से पकड़ लिया।

फर्जी नाम से मजदूरी करते रहे
पूछताछ में दोनों ने बताया कि घटना के बाद वे भोपा नहीं लौटे। धीरज ने अपना नाम संजय और नीरज ने सत्येंद्र रख लिया था। पिता को गंभीर हालत में देखने वे तीन बार दिल्ली अस्पताल जरूर पहुंचे, लेकिन यूपी में कहीं ठहरे नहीं। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।