मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में गुरुवार सुबह एकाएक हालात तनावपूर्ण हो गए जब पैरामेडिकल स्टाफ ने वरिष्ठ सर्जन डॉ. चारू ढल पर अशोभनीय व्यवहार का आरोप लगाते हुए कामकाज ठप कर दिया। नाराज कर्मचारियों ने अस्पताल के सीएमएस कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया, जिससे ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गईं और मरीजों की लंबी कतारें लग गईं।

पैरामेडिकल स्टाफ का कहना है कि डॉ. ढल अक्सर कर्मचारियों से अभद्र भाषा में बात करती हैं और गुरुवार को स्टाफ नर्स उपासना, शिखा और नेहा के साथ दुर्व्यवहार की घटना के बाद गुस्सा फूट पड़ा। इससे पहले भी ऐसी शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।

विरोधस्वरूप फार्मासिस्ट हारून अली, अनिल सिंह, और अन्य कर्मचारियों के साथ धरना स्थल पर कर्मचारी बैठ गए। उन्होंने डॉ. ढल को तत्काल पद से हटाने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। धरने के दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई और माहौल गरमा गया।

हड़ताल का असर अस्पताल की रोजमर्रा की सेवाओं पर साफ दिखाई दिया। ओपीडी और दवा वितरण केंद्र दोनों ही बंद रहे, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इलाज की आस में घंटों इंतजार कर रहे लोगों को निराशा हाथ लगी। कई मरीज पर्ची लेकर भटकते रहे, लेकिन न डॉक्टर मिले, न दवा।

फ्रैक्चर से पीड़ित नूरजहां ने बताया कि सुबह से लाइन में हैं, लेकिन कोई देख नहीं रहा। वहीं, पंकज नामक मरीज ने शिकायत की कि डॉक्टर को दिखाने के बावजूद दवा नहीं मिल पाई क्योंकि दवा काउंटर बंद है।

घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीएमएस ने कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की, लेकिन स्टाफ अपनी मांगों पर अड़ा रहा। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर डॉ. चारू ढल की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

इस बीच अस्पताल के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। मरीजों का कहना है कि वे प्रशासन और कर्मचारियों से अपील करते हैं कि उनके इलाज के अधिकार को विवाद की भेंट न चढ़ने दिया जाए। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि वे सम्मान के साथ ही काम करेंगे।