मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने नीति आयोग द्वारा अमेरिका से कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की सिफारिश को किसानों और देश के हितों के विरुद्ध बताया है।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भारत-अमेरिका कृषि व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वर्किंग पेपर जारी किया है, जिसमें कई अनुशंसाएँ की गई हैं। इन सुझावों में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के अंतर्गत भारत को चावल, काली मिर्च, सोयाबीन तेल और जीएम सोया उत्पादों के लिए अपना बाज़ार खोलने की बात कही गई है।

धर्मेन्द्र मलिक ने चेतावनी दी कि यह कदम देश की कृषि व्यवस्था और उस पर निर्भर लगभग 70 करोड़ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उनका कहना था कि जब भारत सरकार तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रही है, ऐसे में खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क में कटौती का सुझाव विरोधाभासी प्रतीत होता है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद में नीति आयोग जैसी संस्था को समझौतावादी रुख क्यों अपनाना चाहिए। मलिक ने इस प्रस्ताव को भारतीय किसानों के व्यापक हितों के विरुद्ध करार दिया।