मुजफ्फरनगर में जाट नेता युद्धवीर सिंह अपने एक विवादित बयान को लेकर भारी विरोध के बाद बैकफुट पर आ गए हैं। गत 30 मार्च को सिसौली गांव में आयोजित जाट महापंचायत के दौरान हरियाणा निवासी युद्धवीर सिंह ने मंदिर जाने वालों को “चोर“ बताते हुए वैश्य समाज का उदाहरण दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ चौतरफा निंदा शुरू हो गई।

खासकर वैश्य समाज में इस बयान को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखा गया। गुरुवार को वैश्य समाज के लोगों ने मुजफ्फरनगर के एसएसपी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपकर युद्धवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। बढ़ते दबाव और विरोध के बाद युद्धवीर सिंह ने अपने बयान को वापस लेते हुए वैश्य समाज से माफी मांग ली है।

दरअसल, 30 मार्च को सिसौली में हुई विभिन्न मुद्दों को लेकर हुई महापंचायत में युद्धवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान मंदिर जाने वालों को चोर कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने वैश्य समाज का जिक्र करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाया, जिसे समाज ने अपमानजनक माना। बयान का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद न केवल वैश्य समाज, बल्कि धार्मिक आस्था रखने वाले अन्य लोग भी नाराज हो गए।

गुरुवार को वैश्य समाज ने एकजुट होकर एसएसपी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और युद्धवीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन ने मामले को और गंभीर बना दिया।

युद्धवीर सिंह का यू-टर्न

वैश्य समाज के आक्रोश और लगातार हो रही निंदा के बीच युद्धवीर सिंह को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने विवादित बयान को वापस लेते हुए कहा कि उनकी मंशा किसी समाज या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।

इसके साथ ही उन्होंने वैश्य समाज से माफी मांगते हुए मामले को शांत करने की कोशिश की। युद्धवीर सिंह की इस माफी को लेकर वैश्य समाज के नेताओं की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह कदम तनाव को कम करने की दिशा में देखा जा रहा है।