शामली। नगर पंचायत चेयरमैन सुरेशपाल कश्यप के खिलाफ विवाद शनिवार को और तेज हो गया। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने भाकियू नेताओं के साथ मिलकर कस्बे में जोरदार नारेबाजी की और विरोध मार्च निकालते हुए थाने में पहुँचकर चेयरमैन और उनके पुत्र के खिलाफ तहरीर दी।
विरोध जुलूस मुख्य बाजार से होते हुए थाने तक गया। कर्मचारियों ने चेयरमैन और उनके पुत्र पर वाल्मीकि समाज से जुड़े कर्मियों को निशाना बनाने और रंजिशन व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की।
अधिकारियों की पहल
इससे पहले शनिवार सुबह एसडीएम ऊन संदीप त्रिपाठी और नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी समीर कश्यप धरना स्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने कर्मचारियों की समस्याओं को विस्तार से सुना और उनकी मांगों को मानते हुए लिखित आश्वासन दिया। साथ ही कर्मचारियों से अपील की गई कि वे कार्यस्थल पर लौटकर कस्बे की सफाई व्यवस्था सुचारू करें।
दूसरी दौर की वार्ता और नई तनाव की स्थिति
अधिकारियों के लौटने के बाद भाकियू जिलाध्यक्ष शांता प्रधान, कपिल खाटियान, बिल्लू राणा, आशीष कुमार, पूर्व चेयरमैन नौशाद ठेकेदार और कई अन्य सभासद धरना स्थल पर पहुंचे और कर्मचारियों के साथ दूसरी दौर की वार्ता शुरू की। अधिकांश बिंदुओं पर सहमति बन गई।
लेकिन इसी बीच खबर मिली कि नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी समीर कश्यप खाद के गड्ढों को कब्जा मुक्त कराने पहुंचे हैं। यह सुनते ही वाल्मीकि समाज के लोग भड़क उठे और माहौल फिर तनावपूर्ण हो गया।