शामली जिले के लिलौन गांव में आठ साल पहले हुए किसान अंजुल उर्फ बिट्टू (35) की हत्या के मामले में अदालत ने एक ही परिवार के छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में मां और बेटी भी शामिल हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-एक के न्यायाधीश निशांत सिंगला ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए प्रत्येक आरोपी पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मामला वर्ष 2017 का है। 26 फरवरी की रात करीब आठ बजे किसान अंजुल अपने घर से खेत की ओर जा रहा था। रास्ते में घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उसे गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के भाई और दिल्ली पुलिस में तैनात एसआई संजीव कुमार ने गांव की शकुंतला देवी, उसके बेटे अमित, बेटी अंजू उर्फ बेबी, रिश्तेदार संदीप उर्फ छोटा, उसकी पत्नी डिंपल और वीरेंद्र कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरजकांत मलिक और वादी पक्ष के अधिवक्ता सौराज मलिक ने बताया कि अदालत ने सभी छह अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माने का आदेश दिया।
इस हत्या की जड़ें पुराने विवाद से जुड़ी थीं। आठ अक्तूबर 2013 को एसआई संजीव कुमार के 11 वर्षीय बेटे हर्षित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय अंजुल ने पड़ोस की शकुंतला देवी और उसके बेटे सुमित पर हत्या का आरोप लगाया था। अदालत ने सुमित को उम्रकैद की सजा दी थी, जबकि शकुंतला बरी हो गई थी। माना जा रहा है कि उसी रंजिश के चलते अंजुल की हत्या की गई।
सजा पाए दोषियों में शकुंतला पत्नी श्याम सिंह, अंजू उर्फ बेबी पुत्री श्याम सिंह, अमित पुत्र श्याम सिंह, संदीप उर्फ छोटा पुत्र सीताराम, डिंपल पत्नी संदीप उर्फ छोटा और वीरेंद्र कुमार पुत्र बाबूराम शामिल हैं।