प्रदेश के छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने की योजना में अनियमितता उजागर हुई है। उत्तराखंड बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को टैबलेट के लिए उनके खातों में धनराशि दी जानी थी। लेकिन कुछ जिलों ने खंड शिक्षा अधिकारी तो कुछ ने प्रधानाचार्य के खातों में इसकी धनराशि दे दी। वहीं, प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बावजूद हर रोज कितने टैबलेट खरीदे गए निदेशालय स्तर से इसकी रिपोर्ट मांगी जा रही है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए साल पर एक जनवरी को जीजीआईसी राजपुर रोड से उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राओं को मुफ्त टैबलेट योजना की शुरुआत की थी। इस दिन प्रदेश भर की 70 विधानसभा क्षेत्रों के इतने ही स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर छात्र-छात्राओं को सांकेतिक रूप से टैबलेट दिए गए। जीजीआईसी राजपुर रोड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। योजना के तहत उत्तराखंड बोर्ड एवं सरकारी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे 12 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। योजना के तहत 2.65 लाख छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जाना है, लेकिन सीधे छात्रों के स्थान पर उत्तरकाशी में प्रधानाचार्यों, रुद्रप्रयाग जिले में खंड शिक्षा अधिकारियों को यह धनराशि दी गई है। इसके अलावा भी कुछ अन्य जिलों का यही हाल है।
किस जिले में कितने टैबलेट की खरीद
जिला कुल छात्र संख्या कितनी खरीद
अल्मोड़ा 13518 1591
बागेश्वर 5507 3401
चमोली 10052 1145
चंपावत 6263 248
देहरादून 11978 1939
हरिद्वार 5994 2712
नैनीताल 13859 3676
पौड़ी 12740 7070
पिथौरागढ़ 10256 180
रुद्रप्रयाग 6792 2180
टिहरी में 16110 3114,
ऊधमसिंह नगर 14986 5078
उत्तरकाशी 8137 2044
टैबलेट के लिए धनराशि सीधे छात्रों के खातों में दिए जाने के बजाये बीईओ और प्रधानाचार्य को दिए जाने के मामले में जांच कराई जाएगी।
-आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव
निर्देश हैं कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सीधे छात्रों के खातों में टेबलेट की धनराशि दी जाएगी। लेकिन कुछ जिलों में अधिकारी नहीं हैं। इसके अलावा कुछ तकनीकी
दिक्कतें भी पेश आ रही है। इस वजह से इसमें देरी हो रही है।
-एसपी खली, अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा