दिल्ली में युवाओं की वैक्सीन 10 जून से पहले उपलब्ध नहीं होगी : मनीष सिसोदिया

दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि युवाओं (18-44 साल) के लिए वैक्सीन 10 जून के बाद मिलेगी. उन्‍होंने बताया कि जो मिलेगी वह भी बहुत लिमिटेड सप्लाई होगी.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, हम ने केंद्र सरकार से कहा था कि दिल्ली में हमको वैक्सीन उपलब्ध करा दीजिए हम 3 महीने के अंदर एक एक व्यक्ति को वैक्सीन लगवाना चाहते हैं जिससे कोरोना का चक्र टूट जाये. दिल्ली में 92 लाख युवा हैं जो 18-45 साल की उम्र के हैं, इनके लिए हमको 1.84 करोड़ वैक्सीन डोज़ चाहिए.

केंद्र सरकार ने हमको अप्रैल में केवल 4.5 लाख डोज़ दी, मई में 3.67 लाख डोज़ दी और जून में 5.5 लाख डोज़ देने का एस्टीमेट दिया है जो 10 जून से देंगे.

सिसोदिया ने साफ कहा कि, अगर इन 92 लाख युवाओं को बचाना है तो एक ही तरीका है कि इनको वैक्सीन दी जाए और दोनों डोज़ लगाकर सुरक्षित किया जाए.

उन्‍होंने केंद्र पर हमलावर होते हुए कहा कि, केंद्र सरकार वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन पर कुंडली मारकर बैठी है. कहने को तो कह रही है कि हमने राज्य सरकारों को कह दिया है कि आप खरीद लीजिए लेकिन उसके बाद संख्या तय कर रही है कि 50 हज़ार से ज़्यादा, 1 लाख से ज़्यादा नहीं खरीद सकते.

मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि, दिल्ली सरकार युवाओं को वैक्सीन लगाना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार उसको रोक रही है. मैं केंद्र सरकार से पूछता हूं कि अगर दिल्ली सरकार अपने युवाओं को वैक्सीन लगवाना चाहती है तो आपको उसमें क्या दिक्कत है. प्राइवेट हॉस्पिटल उन्हीं युवाओं को वैक्सीन लगाने के नाम पर जब कंपनियों से वैक्सीन मांगते हैं तो केंद्र सरकार उसको वैक्सीन दिलवा देती है ये क्या सेटिंग है?

सिसोदिया ने कहा कि, जब राज्य सरकार वैक्सीन मांगती है तो कह दिया जाता है की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है उन्हीं कंपनियों से केंद्र सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल को वैक्सीन दिलवा रही है क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटल महंगे दामों पर उस वैक्सीन को युवाओं को लगा रहे हैं.

दिल्‍ली के डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि, जो वैक्सीन राज्य सरकार मुफ्त में अपने लोगों को लगवाना चाहती है वही वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल ₹1000, 1200 रुपए में लगवा रहे हैं. मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि अगर राज्य सरकार के लिए वैक्सीन नहीं है तो फिर केंद्र सरकार के पास प्राइवेट हॉस्पिटल को देने के लिए वैक्सीन कहां से आ रही हैं?

कल जीएसटी काउंसिल की बैठक थी वहां हमने मांग की कि कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, PPE किट, टेस्टिंग किट,ऑक्सीजन सिलिंडर जैसे जितनी भी चीजें हैं इन सब पर जीएसटी शून्य कर दिया जाए. मुख्य रूप से वैक्सीन जीएसटी शून्य कर दिया जाए. लेकिन बीजेपी के कुछ वित्त मंत्रियों ने इसका विरोध किया

– पश्चिम बंगाल, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, झारखंड यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी के भी 2-3 वित्त मंत्रियों ने मांग रखी कि वैक्सीन पर टैक्स का रेट जीरो कर दिया जाए
ताकि देश का आम आदमी जो अगर प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन लगवा रहा है तो वह सस्‍ते दामों में भी वैक्‍सीन लगवा सके.

सिसोदिया ने कहा कि इस समय पैसा कमाने के बारे में ना सोचा जाए बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना से बचाने के बारे में सोचा जाए इसलिए वैक्सीन पर टैक्स शून्य किया जाना चाहिए लेकिन बीजेपी के कुछ वित्त मंत्रियों ने कहा कि टैक्स तो लगना चाहिए.

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