वाराणसी में जेएनएनयूआरएम के तहत 600 करोड़ की पेयजल परियोजना में गड़बड़ी को लेकर दर्ज कराए गए भ्रष्टाचार के मुकदमे की जांच शुरू हो गई है। जल निगम के 40 इंजिनियरों को बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी है। इसके अलावा जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है।
वाराणसी शहर के लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2010 में स्वीकृत परियोजना के जन उपयोगी न हो सकने की जांच में 200 करोड़ से ज्यादा धन की बंदरबाट का मामला सामने आया है। शासन स्तर से हुई जांच के बाद जल निगम के सेवानिवृत पूर्व प्रबंध निदेशक ए.के.श्रीवास्तव, निलंबित अधीक्षण अभियंता आर.पी.पांडेय व सतीश कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467,468,409 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13-1 (बी) (सी) (डी) और 13-2 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा 19 इंजिनियरों को निलंबित किया गया है तो सेवानिवृत हो चुके 17 इंजिनियर भी गड़बड़ी के दोषी पाए गए हैं।
बयान दर्ज कराने के लिए भेजी गई नोटिस
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दर्ज मुकदमे के विवेचक सीओ भेलूपुर अनिल कुमार ने बताया कि दोषी पाए गए सभी इंजिनियरों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी की जाएगी। विभागीय स्तर पर जांच करने वाले अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया जाएगा। जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। बता दें कि पीडब्ल्यूडी के बाद जल निगम दूसरा विभाग है, जिसके इंजिनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।