बृहस्पतिवार, 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान की धारा 370 की समाप्ति के बाद, पहली बार राजधानी श्रीनगर पहुंचे। ज़ाहिर है प्रधानमंत्री का कार्यक्रम था तो मीडिया ने उसका भरपूर कवरेज किया। हिन्दी के वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार, ओंकार चौधरी जी के चैनल ओसीएन का उल्लेख कर रहे हैं। वे समसामयिक घटनाओं, परिस्थितियों का बेबाकी के साथ विश्लेषण करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की श्रीनगर यात्रा, बख्शी स्टेडियम में उनकी विशाल जनसभा का विवरण और कुछ पुराने-नयें चित्रण (वीडियो क्लिप्स) प्रस्तुत कर आज के कश्मीर और पुराने कश्मीर की जीती-जागती तस्वीर पेश की है।
एक तस्वीर वो थी जब सन् 1992 में आतंकियों की खुली धमकी के बीच नरेन्द्र मोदी, मुरली मनोहर जोशी के सानिध्य में श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रध्वज फहरा रहे हैं और एक तस्वीर 7 मार्च, 2024 की है जिसमें लहलहाते 10,000 तिरंगों के बीच कश्मीरी बुजुर्गों, स्त्री-पुरुषों, नौजवानों, बच्चों के उत्साह से भरे चेहरे मोदी का स्वागत करते दिखाई पड़ रहे हैं।
उल्लास, उमंग, खुशी से लबरेज़ एक बालिका का चेहरा सामने आता है। मोदी के आगमन पर उसकी खुशी चेहरे पर छलक रही है। वह बिना किसी लाग-लपेट के कहती है हाँ, मैं मोदी की मुरीद हूँ। 500 रुपये लेकर पत्थरबाजी करने वाला नौजवान कैमरे पर आकर साफगोई से पुराने और नये कश्मीर की असलियत बयां करता है।
इन सबके साथ पुलवामा के नाजिम नजीर का प्रधानमंत्री से सीधे संवाद का दृश्य उभरता है। वह बताता है कि कैसे उसने डॉक्टर या इंजीनियर बनने की माँ-बाप की तमन्ना ठुकरा कर दो बक्सों से मधुमक्खी पालन का कारोबार चुना और आज उसके पास मधुमक्खियों के 200 बक्से हैं तथा 50 लाख रुपये का कारोबार है। उसके साथ 100 लोग शहद के कारोबार से जुड़े हैं।
पहले समझ लेते हैं कि ‘नाजिम’ का और ‘नजीर’ का अर्थ क्या है ? नाजिम का एक अर्थ है- इन्तजाम करने वाला यानी प्रबंधक। नजीर का अर्थ है मिसाल, उदाहरण। शहद का कारोबार चलाकर नाजिम ने देश के नौजवानों के समक्ष एक अच्छी मिसाल पेश की है। प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी लेने की खाव्हिश को मोदी जी ने पूरा कराया और यह सेल्फी अपने हेंडल पर पोस्ट कर नाजिम को बधाई दी। इस सेल्फी की पाकिस्तान तक धमक है। यह आज के नये भारत की तस्वीर है।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’