पंजाब में 20 करोड़ रुपये के गेहूं घोटाले को लेकर राज्य खाद्य आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से तलब की है। इसके लिए विभाग को 15 दिन का समय दिया है। जांच में खुलासा हुआ है कि फरार खाद्य इंस्पेक्टर गेहूं की फर्जी एंट्रियां कर गेहूं की खरीद कर रहा था।
पंजाब राज्य खाद्य आयोग के चेयरमैन डीपी रेड्डी ने बताया कि ध्यान में आया है कि खाद्य आपूर्ति विभाग का इंस्पेक्टर जसदेव सिंह जंडियाला गुरू (अमृतसर) गेहूं घोटाले के मामले में मुख्य दोषी है। उसने गेहूं की एमएसपी के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया, जो न तो मंडियों में लाया गया और न ही खरीदा गया था।
20 करोड़ रुपये के 87,100 क्विंटल गेहूं की खरीद के लिए फर्जी एंट्रियां की गईं और इसको जंडियाला गुरू के गोदामों में ले जाते हुए दिखाया गया। रेड्डी ने बताया कि पंजाब राज्य खाद्य आयोग ने इस मामले का गंभीर नोटिस लिया है और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को नोटिस जारी करके 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा
आयोग ने खाद्य आपूर्ति विभाग को दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने, सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई करने और भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए सही व्यवस्था (प्रशासनिक और तकनीकी) स्थापित करने की सलाह भी दी है।