राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के आरोप का जवाब दिया है, जिन्होंने शिरडी में एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान पूछा था कि जब वह देश के कृषि मंत्री थे तो उन्होंने किसानों के लिए क्या किया था। प्रधान मंत्री ने अहमदनगर के शिरडी शहर में एक रैली के दौरान कहा था, “हम अच्छे इरादों के साथ किसानों को सशक्त बनाने में लगे हुए हैं लेकिन महाराष्ट्र में कुछ लोग केवल किसानों के नाम पर राजनीति करने में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता केंद्रीय कृषि मंत्री थे वर्षों से। मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं लेकिन उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?”
शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री को अपने संवैधानिक पद के दायरे में रहते हुए टिप्पणी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक महत्वपूर्ण पद है। एक प्रधानमंत्री को अपने संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए। मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों निशाना बनाया। लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह इस तथ्य के कारण है कि उन्हें सही तरीके से जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि पीएम ने मुझ पर जो भी बयान दिया है, मैं पीएम पद की महत्ता और गरिमा को ध्यान में रखते हुए उस पर जवाब दूंगा। जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार (2004-14) थी तब शरद पवार कृषि मंत्री थे।
यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार पर परोक्ष हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जहां बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार सक्रिय रूप से किसानों को सशक्त बना रही है, वहीं महाराष्ट्र में कुछ लोग किसानों का प्रतिनिधित्व करने की आड़ में राजनीतिक गतिविधियों में लगे हुए हैं। शरद पवार ने यह भी दावा किया कि सत्ता खोने के डर ने पीएम को ऐसी टिप्पणी करने के लिए प्रेरित किया होगा। उन्होंने कहा कि वह (पीएम) शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के लिए गए थे, वहां शरद पवार के दर्शन करने की क्या जरूरत थी। देशभर की तस्वीर देखें तो ऐसे बहुत से राज्य हैं जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है या फिर उनकी सरकार दूसरे दलों में तोड़फोड़ के बाद आई है। और जहां भी भाजपा की सरकार है, वहां वे कमजोर स्थिति में हैं। शायद इसी कमजोरी और सत्ता खोने के डर ने उन्हें (पीएम) ऐसे बयान देने के लिए मजबूर किया होगा।’