विश्व स्वास्थ्य संगठन की 10 लोगों की विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम गुरुवार (14 जनवरी) को चीन के वुहान में पहुंची गई है। यह टीम ये पता लगाने गई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति वुहान से हुई या नहीं। शुरुआती दौर में ये कई मीडियो रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन के वुहान शहर से ही कोरोना वायरस फैला है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय दबाव बनने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम को अपने यहां आकर जांच करने की अनुमति दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वुहान को भेजी गई 10 सदस्यीय टीम को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार द्वारा राजनयिक तकरार के महीनों बाद मंजूरी दी गई है।
WHO की टीम के एक्सपर्ट 2 हफ्ते रहेंगे क्वारंटाइन
WHO की टीम में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम से भी विशेषज्ञ शामिल हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह वे चीनी वैज्ञानिकों के साथ पहले बैठक करेंगे। हालांकि WHO ने फिलहाल इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि चीन उन्हें सबूत इकट्ठा करने की अनुमति देगा या नहीं। CGTN के आधिकारिक अकाउंट के पोस्ट के मुताबिक ,WHO की 10 लोगों की टीम वहां पहले दो हफ्ते क्वारंटाइन में रहेंगे। जिसमें उनको कोविड-19 टेस्ट भी किया जाएगा। क्वारंटाइन में रहते हुए WHO की टीम वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चीनी विशेषज्ञों के साथ काम करेंगे।
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम वुहान में ज्यादा वक्त बिताएगी। इसी शहर में 2019 में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। 1.9 मिलियन लोगों की मौत की वजह बना कोरोना का खतरा अब भी दुनियाभर में बना हुआ है। वैज्ञानिकों को संदेह है कि कोरोना वायरस चमगादड़ या अन्य जानवरों से मनुष्यों में आया है। सबसे अधीक संभावना है कि ये चीन के दक्षिण-पश्चिम से फैला है। वहीं चीन का दावा है कि ये कोविड-19 का वायरस विदेशों से आए सीफूड के लिए जरिए फैला है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।