‘ट्रैक्टर लाएं किसान ‘ट्रॉलियां नहीं’, दिल्ली पुलिस से परेड की मंजूरी के बाद बोले योंगेंद्र यादव

तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों की निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन रविवार को 60वें दिन भी जारी है. इन दोनों मांगों को लेकर सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद अब किसान यूनियन अपने आंदोलन को तेज करने को लेकर पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार, किसान परेड की तैयारी में जुटे हैं.

कृषि के निजीकरण से देश की अर्थव्यवस्था तबाह होगी- कमलना

थमध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर में किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली. उन्होंने कहा, “BJP समझ नहीं रही है कि देश का बड़ा वर्ग किसान है. कृषि के निजीकरण के प्रयास से देश और हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तबाही होगी.

रूट तय होने के बाद सिंघु बॉर्डर पर थोड़ी देर में किसानों की मीटिंग

ट्रैक्टर रैली के लिए रूट तय होने के बाद अब सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेंगे, बैठक थोड़ी देर में शुरू होगी. जिसके बाद शाम 6 बजे प्रेस कांफ्रेंस होने की संभावना है.

ट्रैक्टर लाएं किसान ट्रॉलियां नहीं- योगेंद्र यादव की अपील

पुलिस से मीटिंग के बाद योगेंद्र यादव ने कहा दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाज़त मिल गई है. जितने भी साथी अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर बैठें हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रॉलियां न लेकर आएं. किसान शांतिपूर्वक 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. हालांकि अभी पुलिस की तरफ से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि कितने रूट मंजूर हुए हैं. ये दिल्ली पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस में क्लियर होगा.

दिल्ली पुलिस का परेड रूट किसानों को नापसंद

गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों को रेकी के बाद दिल्ली पुलिस का परेड रूट का प्रस्ताव पसंद नहीं आया. किसान संगठन रूट को बदलवाने के मूड में बैठक के बाद फैसला लेंगे. पुलिस अक्षरधाम से पहले आनंद विहार की तरफ परेड को डायवर्ट करना चाहती है और किसान खेल गांव तक जाना चाहते हैं, जहां से रिंग रोड महज 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है.

दिल्ली पुलिस ने 5 रूटों पर परेड की मंजूरी दी

किसानों के साथ दिल्ली पुलिस की मीटिंग खत्म, दिल्ली पुलिस ने 5 रूटों पर परेड की मंजूरी दी.

ट्रैक्टर रैली के लिए रूट देखने जा रहे किसान

गाजीपुर बॉर्डर से यूपी और उत्तराखंड के किसान ट्रैक्टर परेड के प्रस्तावित रूट की रेकी करने जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि रूट ट्रैक्टर के लिहाज से सही लगेगा तभी फाइनल करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा ट्रैक्टर परेड 26 जनवरी को 11 बजे शुरू करेंगे, अभी हमें दो रूट बताए गए हैं, रेकी के बाद फाइनल करेंगे.

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इन ताकतों से हम मिलकर लड़ेंगे : राहुल गांधी

तमिलनाडु में राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की परेशानियों को सुनने, समझने की बजाए मौजूदा सरकार उन्हें आतंकवादी कहती है. इन ताकतों से हम मिलकर लड़ेंगे.

किसानों के समर्थन में निकाली रैली

पंजाब के लुधियाना शहर में तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के समर्थन में लोगों ने एक रैली निकाली.

इतिहास में पहली बार किसान 26 जनवरी को रैली कर रहे, क्योंकि उनका हक छीना जा रहा है

तमिलनाडु के इरोड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हम अपने इतिहास में पहली बार देख रहे हैं कि किसान 26 जनवरी को रैली कर रहे हैं, क्योंकि वो दुखी हैं और इस बात को समझते हैं कि जो उनका है वो उनसे छीना जा रहा है.

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‘पुलिस अनुमति दे या नहीं, हम ट्रैक्‍टर रैली करेंगे’

सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित पंजाब किसान संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पानू ने कहा कि कई किसान गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली आ रहे हैं. हम दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर रैली करेंगे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दिल्ली पुलिस अनुमति देती है या नहीं.

गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान करे सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस नेता जसबीर सिंह गिल ने कहा कि सरकार की अगली बैठक की तारीख तय करने की जो जि‍म्मेदारी है, सरकार उससे भाग नहीं सकती है. इस सरकार की एक परेशानी है कि जब भी इनकी नाकामी सामने आती है तो ये अपना दोष किसी और पर डाल देते हैं. सरकार को 26 जनवरी को इन कानूनों को रद्द करने का ऐलान करना चाहिए.

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CCTV की नजर में किसान आंदोलन

गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी) आंदोलन स्थल पर CCTV लगाए गए हैं. यहां एक किसान प्रदर्शनकारी ने बताया, “गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की जाने वाली है. कुछ घटनाएं भी हुई हैं. उसी के मद्देनजर गाजीीपुर का पूरा आंदोलन स्थल CCTV की नजर में रहेगा, 500 वॉलंटियर भी तैनात किए गए हैं.”

टिकरी बाॅर्डर पर करीब दो-ढाई लाख ट्रैक्टर

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 60वें दिन भी जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया क‍ि “आज पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से काफी ट्रैक्टर आ रहे हैं. हम 26 जनवरी को शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. टिकरी बाॅर्डर पर करीब दो-ढाई लाख ट्रैक्टर होंगे.”

‘किसान गणतंत्र परेड’ को दिल्‍ली पुलिस ने शर्तों के साथ दी इजाजत!

किसान नेताओं ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियनों को 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दे दी है. हालांकि दिल्‍ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक किसानों को शर्तों के साथ सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. सूत्रों के मुताबिक 26 जनवरी को पांच अलग-अलग मार्गों पर शांतिपूर्ण तरीके से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने की अनुमति दी गई. ट्रैक्टर ट्रॉलियों को झांकी के रूप में किसानों और खेती को दर्शाया जाएगा. ट्रैक्टर मार्च के बाद किसानों को राजधानी को छोड़ सीमावर्ती स्थानों पर वापस जाना होगा. पुलिस 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के लिए सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर बैरिकेड्स हटाएगी.

पंजाब से एक लाख से अधिक ट्रैक्टर आने की उम्मीद है: किसान नेता

किसान संगठन के नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की ‘किसान परेड’ में दो लाख से अधिक ट्रैक्टर हिस्‍सा लेंगे. किसान संघ का कहना है कि लगभग 2,500 स्वयंसेवकों को वाहनों की आवाजाही की सुविधा के लिए तैनात किया जाएगा. कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष निर्भय सिंह धुडिके ने कहा कि रविवार को पंजाब से एक लाख से अधिक ट्रैक्टर आने की उम्मीद है.

किसान परेड में यूपी, उत्तराखंड से लगभग 25,000 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लगभग 25,000 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे.

किसानों ने कहा, 100 KM की निकालेंगे ट्रैक्टर रैली

किसानों के समूहों ने दावा किया है कि उन्हें गणतंत्र दिवस पर 100 किमी ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई है, वहीं दिल्ली पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता अभी भी अंतिम चरण में हैं. किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर शनिवार को दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ किसान संगठनों की बैठक के बाद किसानों और पुलिस की ओर से यह टिप्पणी की गई है.

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