उपचुनाव: काम मतदान के कारण सीएम मान की सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं से वोट डालने की अपील

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के इस्तीफे के बाद खाली हुई संगरूर लोकसभा सीट पर गुरुवार को हुए उपचुनाव में इतने कम मतदान की उम्मीद शायद किसी को नहीं थी। कम वोटिंग से सियासी जानकार इस उधेड़बुन में हैं कि इससे किसको नुकसान या लाभ होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के नौजवानों में अकाली दल अमृतसर के प्रति उत्साह के बावजूद मतदान का गिरना, बड़े दलों के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। खास तौर पर सत्ताधारी आप के लिए। 

माना जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का प्रभाव उपचुनाव में पूरी तरह से हावी रहा। इस प्रभाव को खत्म करने के लिए आम आदमी पार्टी की समूची लीडरशिप एक सप्ताह तक संगरूर में डटी रही और धुंआंधार प्रचार करने में काफी हद तक सफल भी रही। लेकिन गुरुवार सुबह मतदान के शुरुआती चरण में ही वोटरों ने अपने इरादे जाहिर कर दिए। आम वोटर इस चुनाव से किनारा करते दिखाई दिए। 

उपचुनाव के प्रति लोगों की उदासीनता को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं से वोट डालने की अपील करने के लिए विवश होना पड़ा। इसके बाद वोटिंग में मामूली सुधार तो दिखा, लेकिन वोटिंग प्रशित में अधिक इजाफा नहीं हुआ। चर्चा है कि उपचुनाव का परिणाम कई पार्टियों को आईना दिखा सकता है। वोटर एक बार फिर नई सियासी तस्वीर का खाका खींच सकते हैं।

मतदान केंद्रों के बाहर पार्टियों के बूथों ने दिए बदलाव के संकेत

संगरूर उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर विभिन्न सियासी दलों के बूथों पर चल रही गतिविधियां साफ तौर पर बदलाव के संकेत दे रही थीं। गांवों के बूथ अलग ही तस्वीर पेश करते दिखाई दिए। हालात सवाल खड़े कर रहे थे कि आखिर बदला हुआ लहजा किस पर भारी पड़ेगा। भाजपा के अलावा अकाली दल और कांग्रेस कई बूथों पर समर्थक दिखाई नहीं दिए। हालांकि डेरा समर्थक भी चुप्पी साधे घरों से सीधे मतदान केंद्र तक पहुंच रहे थे और किसके पक्ष में वोट डाल रहे हैं, इसका अहसास नहीं होने दे रहे थे। करीब तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो संगरूर संसदीय क्षेत्र में आते सभी विस क्षेत्रों में अस्सी फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था और कुल मतदान का करीब साठ फीसदी वोट अकेले आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में रहा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here