15 अगस्त को दिल्ली एयरपाेर्ट पर शुरू किया गया था डिजियात्रा का ट्रायल

एयरपोर्ट के ई-गेट पर यात्री को पहले बार कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा। उसके बाद ई-गेट पर लगा फेशियल रिकग्निशन सिस्टम यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगा। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है। यात्री को सुरक्षा क्लियर करने और विमान में सवार होने के लिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होगा। डिजियात्रा ऐप का बीटा संस्करण 15 अगस्त को लॉन्च किया गया था। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) का संचालन करती है। यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा भी है। 

एयरपोर्ट पर बोर्डिंग प्रक्रिया को तेज और निर्बाध बनाएगी डिजियात्रा

डिजियात्रा चेहरे की पहचान तकनीक पर आधारित है और यह बोर्डिंग प्रक्रिया को तेज और निर्बाध बनाएगी। इसके अलावा, डिजियात्रा हवाईअड्डे पर बढ़ी हुई सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यात्री डेटा एयरलाइंस प्रस्थान नियंत्रण प्रणाली के साथ अटैच होगा इससे केवल निर्दिष्ट यात्री ही टर्मिनल में प्रवेश कर सकेंगे।

डिजियात्रा के संचालन के लिए डिजियात्रा फाउंडेशन को बनाया गया नोडल निकाय

डिजियात्रा के संचालन के लिए डिजियात्रा फाउंडेशन को नोडल निकाय बनाया गया है। यह एक गैर-लाभकारी कंपनी है। फाउंडेशन के शेयरधारक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल), बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल), दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल), हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचआईएएल) और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) हैं। )

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