हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा धांधली में 2 गिरफ्तार

UP-STF ने वाराणसी के छावनी क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराने के लिए कुख्यात बेदी राम गिरोह के सदस्य हैं। बेदी राम फिलहाल गाजीपुर जिले की जखनियां विधानसभा से सुभासपा-सपा गठबंधन से विधायक हैं।

आरोपियों की शिनाख्त जौनपुर जिले के जलालपुर क्षेत्र के मुजरा गांव के शिवबहादुर सिंह और गाजीपुर के करंडा थाना के खुलासपुर गांव के अखिलेश यादव के तौर पर हुई है। दोनों के पास से बगैर नंबर की एक स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई है। दोनों आरोपियों को कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है। अब उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस अपने साथ ले जाएगी।

बीती 27 मार्च को आयोजित थी परीक्षा

UP-STF की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा होनी थी। उससे एक दिन पहले ही पेपर लीक करा कर कैंडिडेट्स को उपलब्ध करा दिया गया था। इस प्रकरण में अब तक 52 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पेपर लीक कराने वाले गैंग के सक्रिय सदस्य शिवबहादुर सिंह के वाराणसी और आसपास के जिलों में मौजूद होने की सूचना हिमाचल प्रदेश पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा UP-STF से साझा की गई थी।

सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम अभिसूचना संकलन की कार्रवाई कर रही थी। अभिसूचना संकलन के दौरान विश्वस्त सूत्र से प्राप्त सूचना के आधार पर आज शिवबहादुर सिंह और अखिलेश यादव को छावनी क्षेत्र स्थित सेंट मैरी स्कूल के पास से गिरफ्तार किया गया।

लगभग 12 करोड़ रुपए कमाया

एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह वर्ष 2003 से अंतरराज्यीय प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने वाले बेदी राम गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। गिरोह के द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक कराकर परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों को पढ़वाया जाता था और उनको उत्तर बता दिया जाता था। शिवबहादुर सिंह ने बताया कि वह तेलंगाना, पंजाब और चंडीगढ़ में आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्न पत्र लीक कराने के आरोप में कई बार जेल जा चुका है।

इस काम से उसके द्वारा लगभग 10 से 12 करोड़ रुपए की कमाई की गई है। उसी पैसे से वर्ष 2015 में वाराणसी के विंध्यवासिनी नगर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान 3 करोड़ रुपए में खरीदा गया। फिर विंध्यवासिनी नगर कॉलोनी में ही एक दूसरे मकान का 40 लाख रुपए में एग्रीमेंट कराया गया।

आरोपियों ने हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के बारे में बताया कि लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र उपलब्ध होने पर 11 अभ्यर्थियों को परीक्षा से एक दिन पूर्व ही हल करा दिया गया था। इस काम से अभी तक 7 लाख रुपए मिले हैं। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश में मुकदमा दर्ज होने और लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी हमें हो गई थी, इसी वजह से हम लोग लुक-छिप कर रह रहे थे।

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