5G टेस्टिंग मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला की याचिका पर अपना फैसला किया सुरक्षित

नई दिल्‍ली। बॉलीवुड एक्‍ट्रेस जूही चावला ने कुछ दिनों पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट में भारत में 5जी को लागू करने के खिलाफ एक याचिका डाली थी। इस याचिका पर पहली सुनवाई सोमवार को हुई थी। आज यानी की बुधवार को दूसरी सुनवाई हुई जिसमें दिल्‍ली हाईकोर्ट ने जूही चावला से कहा कि वो अपनी याचिका पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करें। न्यायमूर्ति जेआर मिढ़ा ने दोपहर ढाई बजे तक दो पेज का नोट दाखिल करने आदेश देते हुए तीन बजे इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने जूही की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित किया है।

सुनवाई के दौरान जूही चावला के वकील दीपक खोसला ने कहा कि सीपीसी के सेक्‍शन 80 के तहत इस मामले को ल देखा जाए। जब राज्य के खिलाफ कोई सूट कोर्ट में दाखिल किया जाता है तो 60 दिन पहले सरकार को नोटिस दिया जाता है। उन्‍होंने कहा कि ये मामला देश की जनता की सुरक्षा से जुड़ा है, उनके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ा है और पर्यावरण के नुकसान से जुड़ा है इसलिए इस मामले में सेक्शन 80 को कोर्ट सुनवाई के दौरान कंसीडर न करें। आपको बता दें कि जूही चावला लंबे समय रेडिएशन के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करती आ रही है।

जूही चावला ने अपने याचिका में पूछा है कि इस नई टेक्‍नोलॉजी पर क्‍या प्रयाप्‍त रिसर्च किया गया है? जूही का ये सवाल ऐसे वक्‍त में आया है जब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को और आगे बढ़ाने के लिए 5जी तकनीक लागू करने जा रही है। जूही ने कहा कि हम उन्नत किस्म के तकनीक को लागू किये जाने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन वायरफ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावर्स से संबंधित हमारी खुद की रीसर्च और अध्ययन से ये पुख्ता तौर पर पता चलता है कि इस तरह की रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है।

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