मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने एससी-एसटी से जुड़े लंबित मुकदमों का निपटारा जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए हैं। नीतीश कुमार ने पुलिस के मुखिया डीजीपी एसके सिंघल से कहा-एससी-एसटी से जुड़े लंबित मुकदमों का 60 दिन के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्यस्तरीय सतर्कता व मॉनीटरिंग समिति की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी के मुकदमों की सुनवाई के लिए 9 विशेष अदालतें जल्द बनें और मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजीपी, सभी एसपी के साथ लंबित कांडों की जांच की महीने में कम से कम एक बार जरूर समीक्षा करें, ताकि मामलों का निष्पादन तेजी से हो सके। एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की सतर्कता व मॉनीटरिंग समिति की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई निर्देश दिए।
अदालतों की संख्या बढ़ाने की अपील
बैठक में एससी-एसटी से जुड़े मुकदमों के हर पहलू की जानकारी दी गई। सजा बढ़ाने के लिए स्पीडी ट्रायल हो, ताकि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को समय पर न्याय मिल सके और विशेष लोक अभियोजकों की कार्यक्षमता की समीक्षा होनी चाहिए। साथ ही योग्य विशेष लोक अभियोजकों को दायित्व सौंपी जाए,ताकि वे कोर्ट में बेहतर ढंग से पक्ष रख सकें और इसके लिए अदालतों की संख्या बढ़ाई जाए। इन अदालतों में इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की ही सुनवाई हो।
डीएम-एसपी मामलों की समीक्षा करें व पीड़ितों को मदद दिलाएं
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि डीएम एवं एसपी जिलों में दर्ज मामलों की समीक्षा करें एवं पीड़ित व्यक्तियों को समय पर मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित कराएं। जिला स्तर पर गठित सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति के कार्यकलापों की भी नियमित समीक्षा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमें काम करने का मौका मिला है, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए काफी काम किया गया है।