टीबी के सक्रिय मरीजों की खोज के लिए पांच अगस्त से चार सितंबर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंदौर जिले में विशेष सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 73 टीमों का गठन किया गया है। इस टीम के सदस्य घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की खोज करेंगे। जिन्हें दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी है, ऐसे सभी मरीजों के थूक व स्पूटम की जांच करवाई जाएगी।
जिन मरीजों में टीबी के लक्षण मिलेंगे उन्हें शासन द्वारा उपलब्ध नि:शुल्क डाट्स दवाएं दी जाएगी। कोरोना के बाद यह भी आशंका जताई जा रही है कि क्षय रोग के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। गुरुवार को सीएमचएचओ डा. बीएस सैत्या और जिला कुष्ठ नोडल अधिकारी डा. माधव हसानी द्वारा जांच दलों को सर्वे किट उपलब्ध करवाई गई। जिला क्षय अधिकारी डा. राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक टीम के सदस्य घर-घर जाकर सदस्यों की जानकारी एकत्र करेंगे। अगर किसी भी सदस्य में टीबी के लक्षण मिलेंगे तो उनके खंखार सैंपल एनजीओ, आशा कार्यकर्ता और एनटीईपी कर्मचारी द्वारा एकत्र कर उसकी जांच की जाएगी।
शहर में स्लम एरिया, जिले की सभी जेलों, वृद्धाश्रमों, अनाथ आश्रम, बेघर व्यक्तियों के समूह, रेनबसेरा, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र, पत्थर खदान के कर्मचारी, एचआईवी हाई रिस्क ग्रुप, टिम्बर कर्मचारी, होस्टल, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वालों का सर्वे किया जाएगा। क्षेत्र का चयन इस आधार पर किया गया है जहां से टीबी के मरीज ज्यादा आ रहे है या नहीं आ रहे है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार, वजन कम हो रहा हो तो खंखार परीक्षण जरुर करवाएं।