साउथ सुपरस्टार प्रभास और कृति सेनन स्टारर बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष’ अब जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। राम नवमी और हनुमान जयंती के पावन अवसर पर रिलीज हुए ‘आदिपुरुष’ के नए पोस्टर के बाद से सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर अच्छा खासा बज बना हुआ है। जहां कुछ फैंस को अभी भी पोस्टर्स से आपत्ति है, वहीं कुछ लोग अब इसको सुपरहिट का तमगा दे रहे हैं। इस बीच अब ‘आदिपुरुष’ के निर्देशक और निर्माता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे, जिसकी झलक उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा की है।
‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ के बाद हिंदी सिनेमा के लिए राम भगवान की गाथा ‘आदिपुरुष’ को भव्यता के साथ लाने की तैयारियों में जुटे निर्देशक ओम राउत ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। ओम राउत ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक तस्वीर साझा करते हुए दिल को छूने वाली बात लिखी है। ओम राउत लिखते हैं, ‘देश संस्कारों से बनता है। राज माता जीजाऊ ने बाल्यकाल में शिवबा को जो संस्कार दिए उसी के परिणाम स्वरूप वे हिंदवी स्वराज के ध्वजावाहक छत्रपति शिवाजी महाराज बनकर उभरे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को छत्रपति शिवाजी महाराज और राज माता जीजाऊ की मूर्ति उन्हें भेंट स्वरूप देकर मुझे अतुल्य आनंद प्राप्त हुआ है।’
ओम राउत के साथ ही उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने ‘आदिपुरुष’ के निर्माता भूषण कुमार भी पहुंचे थे। भूषण कुमार ने योगी जी को चांदी का राम दरबार देते हुए देखा जा सकता है। दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। जहां कुछ फैंस ओम राउत और भूषण कुमार के इस कदम से खुश हैं, वहीं बहुत से ऐसे हैं जो उन पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इसलिए मिलने पहुंचे हैं क्योंकि उन्हें बायकॉट से बचना है। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता।
मुंबईआपको बता दें, इससे पहले ओम राउत और भूषण कुमार नवरात्रि के खास मौके पर माता वैष्णों देवी के दर्शन किए थे। दोनों की तस्वीरें सामने आई थीं। इस दौरे पर दोनों ने 30 मार्च से रामनवमी के पावन अवसर से शुरू होने वाले आदिपुरुष के प्रमोशन के लिए आशीर्वाद मांगा था। 16 जून को रिलीज होने जा रही फिल्म मुख्य रूप से प्रभु श्री राम की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाती है।