केंद्र सरकार ने अपने सभी स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटल माध्यम से आपस में जोड़ने का फैसला किया है। इस कदम के तहत केंद्र के सभी अस्पतालों, लैब, फार्मेसी और रेडियोलॉजी जैसे स्वास्थ्य केंद्र डिजिटल हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री में पंजीकृत किए जाएंगे। इनमें काम करने वाले सभी स्थायी और अस्थायी चिकित्सकों का भी पंजीकरण होगा। इस व्यवस्था के बाद यहां होने वाले सभी कामों का डिजिटल ब्योरा मौजूद होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इसे लेकर केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों और अस्पतालों के निदेशकों को पत्र लिखा है। इस पत्र में सभी स्वास्थ्य सेवाओं को जल्द से जल्द डिजिटल माध्यम में लाने को कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की शुरुआत 27 सितंबर को की थी।
इस व्यवस्था के तहत अस्पतालों और मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के लिए एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) ने ‘ई सुश्रुत’ नाम का एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के डॉ. प्रवीण गेडान को इसका मिशन निदेशक नियुक्त किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण राज्य सरकारों से उसके अस्पतालों को डिजिटल माध्यम में लाने के लिए भी बातचीत कर रहा है।