मुस्लिमों के उत्पीड़न का आरोप !

देश में इन दिनों योजनाबद्ध तरीके से कुछ मुस्लिम संगठन और मुस्लिम नेता जगह-जगह गोष्ठियाँ (सेमीनार) करके और बयान देकर आरोप लगा रहे हैं कि हिन्दुस्तान का मुसलमान संकट में है और उसका उत्पीड़न हो रहा है। हैदराबाद के भड़काऊ भाईजान इस काम में सबसे आगे हैं।

अभी 12 नवम्बर को लखनऊ के सहकारिता भवन में इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद मौहम्मद अदीब ने एक गोष्ठी आयोजित की। इस गोष्ठी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल थे। दोनों ने मुसलमानों पर संकट के आरोप लगाये और कहा कि देश का माहौल बड़ा खराब है। गोष्ठी के आयोजक मौहम्मद अदीब ने कहा कि इस देश में मुसलमानों को सबक सिखाने को चुनाव कराये जाते हैं।

फारूख अब्दुल्ला का कहना ठीक ही है। दस दिनों के भीतर पंजाब मे दो हिन्दुवादी नेताओं- सुधीर सूरी व प्रदीप सिंह की हत्या हो गई। शनिवार को झारखंड के चक्रधरपुर में बजरंग दल कार्यकर्ता को मार दिया जाता है और उसके जनाजे पर मुस्लिमों के समूह द्वारा हमला बोला जाता है। हैदराबाद के कॉलेज के मुस्लिम छात्रों ने हिमांक बंसल नामक छात्र को बुरी तरह पीटा और उससे अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगवाये। उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को ओधा रेलवे पुल पर उड़ा दिया जाता है। सर तन से जुदा पर अमल तथा हिजाब क्या देश के माहौल को शान्त करते हैं। कश्मीर में आये दिनों “होने वाली हिन्दुओं की टारगेट किलिंग से क्या देश का माहौल शान्त रहता है।” दरअसल मुसलमानों के उत्पीड़न की बातें गुमराह करने वाली हैं।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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