चमोली त्रासदी पर बोले अमित शाह, केंद्र सरकार 24 घंटे बनाए हुए हैं नजर, पुल टूटने से 13 गांवों से टूटा संपर्क

दिल्ली। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड में ग्लेशियर के टूटने की वजह से हुई तबाही के बारे में बताया कि 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा की सहायक नदी क्षेत्र में हिम स्खलन की घटना घटी। जिसके कारण नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गई। अचानक आई बाढ़ से निचले क्षेत्र में धौलीगंगा नदी पर स्थित एनटीपीसी की निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि बाढ़ से निचले इलाकों में जोखिम नहीं है। जल स्तर भी घट रहा है। हर एजेंसी स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है। 7 फरवरी के अनुसार समुद्रतल से लगभग 5,600 मीटर ऊपर स्थित ग्लेशियर के मुखाने पर हिमस्खलन हुआ। उत्तराखंड सरकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 6 लोग जख्मी हैं।

गृह मंत्री ने बताया कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक 197 व्यक्ति लापता हैं। जिसमें एनटीपीसी के निर्माणाधीन परियोजना के 139 व्यक्ति, गंगा कार्यरत परियोजना के 46 व्यक्ति और 12 ग्रामीण शामिल हैं। राज्य सरकार ने यह सूचना विभिन्न सूत्रों के आधार पर एकत्रित की है जिसमें बदलाव हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी परियोजना के 12 व्यक्तियों को एक टनल के अंदर से सुरक्षित बचा लिया गया है। रूसी गंगा परियोजना के 15 व्यक्तियों को घटना के समय ही सुरक्षित बचा लिया गया है। एनटीपीसी परियोजना की दूसरी टनल में लगभग 25-35 फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है। इसके साथ ही लापता व्यक्तियों को ढूढ़ने का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जान गंवानों वालों के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घटनास्थल के नजदीक 13 छोटे गांव से एक पुल बह जाने के कारण संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इन गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से रसद और जरूरी मेडिकल सामान पहुंचाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा स्थिति की 24 घंटे उत्तम स्तर पर निगरानी की जा रही है। प्रधानमंत्री जी स्वयं स्थिति पर गहरी निगाह रखें हैं। गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम के द्वारा नजर रखी जा रही है। राज्य को हर संभव सहायता दी जा रही है।  

उन्होंने कहा कि मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय के साथ किए जा रहे हैं और जो भी आवश्यक कदम उठाने जरूरी हैं, वो उठाये जा रहे हैं। 

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