‘मैं खुशकिस्‍मत हूं, मुझे पाकिस्‍तान नहीं जाना पड़ा’ राज्‍यसभा विदाई भाषण में बोले गुलाम नबी आजाद

राज्‍यसभा से रिटायर हो रहे कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद अपने विदाई भाषण के दौरान भावुक हो गए. गुलाम नबी आजाद ने विदाई भाषण के दौरान कहा, ”मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया, लेकिन जब मैं पढ़ता हूं वहां किस तरह के हालात हैं तो मुझे फख्र महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं. विश्व में अगर किसी मुसलमान को गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमानों को होना चाहिए.”

मंगलवार को सदन में पीएम नरेंद्र मोदी समेत अन्य दलों के नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के सदन में उनके कार्यकाल की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिएशु भकामनाएं दी. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने भी सभी का शुक्रिया अदा करते हुए अपने राजनीतिक अनुभवों को कुछ किस्सों के जरिए सदन के साथ साझा किया.

गुलाम नबी आजाद ने अपने विदाई वक्‍तव्‍य में कहा कि उन्होंने देशभक्ति महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़कर सीखी है. गुलाम नबी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और संजय गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया. इसके साथ ही गुलाम नबी ने बताया कि कश्मीर के हालात पहले कैसे हुआ करते थे और अब कितना बदलाव आ गया है.

‘मैं और मेरे दोस्‍तों के अलावा 15 अगस्‍त मनाने वाले साथी बहुत कम थे’

गुलाम नबी अजाद ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए सदन को बताया, ”मैं कश्मीर के सबसे बड़े एसपी कॉलेज में पढ़ता था. वहां 14 अगस्त और 15 अगस्त दोनों मनाया जाता था. 14 अगस्त (पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस) मनाने वालों की संख्या ज्यादा थी. मैं और मेरे कुछ साथी 15 अगस्त मनाते थे और ऐसे लोग बहुत कम थे. लेकिन उसके बाद हम एक हफ्ता कॉलेज नहीं जाते थे क्योंकि वहां पिटाई होती थी. उस वक्त से निकलकर हम यहां तक पहुंचे हैं.”

गुलाम नबी आजाद ने संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्‍हें हाउस में अटल जी के साथ काम करने में बड़ा सहयोग मिला.उनके साथ सदन में उत्‍साह बना रहता था.

‘खुदा करे पाकिस्तान की बुराइयां हमारे मुसलमानों में कभी न आए’
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 30-35 सालों में अफगानिस्तान से लेकर इराक तक, कुछ सालों पहले देखें तो मुस्लिम देश एक-दूसरे से लड़ाई करते हुए खत्म हो रहे हैं, वहां कोई हिंदू या ईसाई नहीं है, वो लोग आपस में ही लड़ रहे हैं. गुलाम नबी ने कहा कि पाकिस्तान के समाज में जो बुराइयां हैं, खुदा करे वो हमारे मुसलमानों में कभी न आए.

आजाद ने पीएम मोदी का किया धन्‍यवाद

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विपक्ष के साथ कई बार तकरीरें हुईं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी व्‍यक्तिगत नहीं लिया. आजाद ने कहा कि हम सबको मिलकर देश को आगे बढ़ाना है.

गुलाम नबी आजाद भी राज्य सभा में बोलते हुए रो पड़े. कश्मीरी पंडितों और अपने 41 साल के संसदीय जीवन को याद कर गुलाम नबी आजाद ने कहा-

गुजर गया वो जो छोटा सा ये फसाना था
फूल थे चमन था आशियाना था
न पूछ उजड़े नशेमन की दास्तां
चार दिन का ही था, मगर था तो आशियाना ही था.. 

कश्‍मीर के मौजूदा हालात पर ईशारा करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा..

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है 

राज्‍यसभा में अपने कार्यकाल के समाप्‍त होने पर गुलाम नबी आजाद ने साथी सदस्‍यों से कहा कि सदन में मिलना तो नहीं होगा मगर हम लोग मिलते रहेंगे. इसके बाद उन्‍होंने कहा…

बदलेगा न मेरे बाद भी मौज़ू-ए-गुफ़्तुगू
मैं जा चुका हूं फिर भी तिरी महफ़िलों में हूं 

आखिर में गुलाम नबी आजाद ने राज्‍य सभापति और सांसद सदस्‍यों का शुक्रिया अदा किया और कहा…
नहीं आएगी याद तो बरसों नहीं आएगी, मगर जब याद आएगी तो बहुत याद आएगी

आजाद ने कहा कि मैं सचिवालय का भी आभारी हूं जिन्होंने सभापति के बीच समन्वय में अहम भूमिका तो अदा की ही साथ ही जरूरी जानकारियां भी हम तक पहुंचाईं.

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