करनाल किसान आंदोलन पर बोले अनिल विज- जायज मांगें ही मानी जाएंगी

करनाल में किसान आंदोलन (Karnal Farmer Protest) को लेकर राज्य के गृह मंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने कहा कि किसान करनाल में आंदोलन कर रहे हैं यह उनका प्रजातांत्रिक अधिकार (Democratic Right) है. अधिकारी किसानों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन जायज मांगे ही मानी जाएंगी.

उन्होंने कहा कि हमल मामले की जांच निष्पक्ष तौर पर कराने के लिए तैयार है. लेकिन हम केवल SDM की जांच नहीं करवाएंगे हम सारे करनाल एपिसोड की जांच कराएंगे. उस में जो भी दोषी पाया जाएगा चाहे अधिकारी, किसान या किसान नेता सब के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

किसी को फांसी नहीं चढ़ाया जाएगा

उन्होंने कहा कि संवाद किसी भी प्रजातंत्र का अभिन्न अंग होता है लेकिन जायज मांगे होंगी, वहीं मानी जाएंगी और किसी के कहने से किसी को फांसी नहीं चढ़ाया जा सकता. उन्होंने कहा कि देश का आईपीसी अलग और किसानों का आईपीसी अलग है ऐसा नहीं हो सकता.

अनिल विज ने आगे कहा कि सजा जो दी जाती है, वह दोष के अनुरूप दी जाती है, दोष पता करने के लिए जांच करानी पड़ती है और हम इसकी जांच निष्पक्ष तौर पर कराने के लिए तैयार हैं. लेकिन हम सारे करनाल एपिसोड की जांच कराएंगे. उसमें किसान दोषी होंगे और उनके नेता दोषी होंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई बनती होगी, तो वह कार्रवाई की जाएगी.

दो दौर की बातचीत रही विफल

करनाल में किसान नेताओं और पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के बीच बुधवार को सवा तीन घंटे चली वार्ता विफल रही और गुरुवार को भी ये धरना जारी है. उधर मिनी सचिवालय पर जारी किसानों के धरने को देखते हुए आज यानी 9 सितंबर को भी करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाएं बंद रखने के आदेश हरियाणा सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं. कल दो दौर की वार्ता हुई जिसमें प्रशासन की तरफ से डीसी-एसपी ने और रेंज कमिश्नर ने बातचीत की थी.

किसानों की संख्या देखते हुए हरियाणा गृह मंत्रालय ने फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवा को आज भी बंद रखने का फैसला लिया है. उधर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रशासन ने दो राउंड की वार्ता के बाद बुधवार को कहा कि हमारी मांग थी कि IAS आयुष सिन्हा को सस्पेंड कर केस दर्ज किया जाए. प्रशासनिक टीम केस दर्ज करना तो दूर सस्पेंड करने के लिए भी तैयार नहीं है. टिकैत ने कहा कि हमारा एक मोर्चा दिल्ली बॉर्डर पर है और अब दूसरा करनाल सचिवालय पर जारी रहेगा.

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