सहकारी समितियां भी जीईएम पोर्टल से जुड़ सकेंगी, छोटे व्यापारियों को होगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीईएम (GeM)  पर खरीदार के रूप में सहकारी समितियों द्वारा खरीद की अनुमति देने के लिए GeM के अधिदेश का विस्‍तार करने को मंजूरी दी है. 17 मई 2017 में स्थापना के बाद GeM सरकारी procurement के क्षेत्र में एक युगांतरकारी सुधार लेकर आया और साथ अनेक क्षेत्रों के लिए अपना सामान बेचने का एक प्रभावकारी प्लेटफॉर्म बन कर उभरा है. सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा के लिए GeM को पहले से ही वन स्टॉप पोर्टल के रूप में पर्याप्त रूप से विकसित किया गया है. यह पारदर्शी, तेज़, कुशल और पैमाने की व्यवस्था है. कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने ये जानकारी दी है. 

कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मौजूदा शासनादेश के अनुसार जेम निजी क्षेत्र के खरीदारों के उपयोग के लिए नहीं है. आपूर्तिकर्ता (विक्रेता) सभी क्षेत्रों सरकारी या निजी क्षेत्रों से हो सकते हैं. आज के निर्णय से सहकारी समितियों को अब GeM से सामान और सेवाओं की खरीद की अनुमति होगी. GeM का आगमन एक मुश्किल, धीमी और कई बार बहुत महंगी टेंडर प्रक्रिया के अंत का कारण बना और government procurement न केवल नई तेजी और efficiency की और अग्रसर हुआ बल्कि अनेक क्षेत्रों जैसे महिला उद्यमी, MSME, स्टार्ट अप सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, बुनकर और कारीगरों के विस्तार का जरिया बना.  

वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक GeM ने Gross Merchandise Value (GMV) में 85% CAGR की ग्रोथ प्राप्त की है. पोर्टल ने 2021-22  में 178% की GMV ग्रोथ दर्ज की जो पिछले वर्षों की cumulative दर से भी ज़्यादा है. इस वर्ष में 1 लाख करोड़ के goods और सर्विसेज का procurement GeM  के माध्यम से हुआ है. 

समावेशिता की एक दमदार प्रक्रिया 

GeM समावेशिता पारदर्शिता और efficiency का प्रतीक बन चुका है. समावेशिता की स्थिति महिला उद्यमी, MSME, स्टार्ट अप सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, बुनकर और कारीगरों की प्रतिभागिता से स्पष्ट हो जाती है. 

सहकारी संस्थाओं के लिए एक बड़ी सुविधा की शुरुआत 

सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा के लिए GeM को पहले से ही वन स्टॉप पोर्टल के रूप में विकसित किया गया है. यह पारदर्शी, तेज़, कुशल और पैमाने की व्यवस्था है. सहकारी समितियों को अब GeM से सामान और सेवाओं की खरीद की अनुमति होगी. इससे सहकारी संस्थाएं पारदर्शी तरीके से competitive मूल्यों पर खरीदारी कर सकेंगी. 

इससे सहकारी संस्थान की विश्वसनीयता को भी एक मज़बूती मिलेगी और GeM विक्रेताओं को भी एक बड़ा buyer समूह मिलेगा. GeM सहकारी संस्थान को डेडिकेटेड ऑन बोर्डिंग प्रकिया प्रदान करेगा और सहकारिता मंत्रालय सहकारी संस्थानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.  विक्रेताओं को समयबद्ध भुगतान की प्रक्रिया भी निर्धारित की जाएगी. 

इस पहल से 8.54 लाख से अधिक पंजीकृत सहकारी समितियां और उनके 27 करोड़ सदस्य लाभान्वित होंगे. चूंकि समितियों में 27 करोड़ से अधिक सदस्‍य हैं, अत: जेम के माध्‍यम से खरीद से न केवल आम आदमी को आर्थिक रूप से लाभ होगा बल्कि इससे सहकारिताओं की विश्‍वसनीयता भी बढ़ेगी. जेम के अच्‍छे अनुभव का उपयोग सहकारिताओं के लिए खरीद प्रक्रियाओं में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए किया जा सकेगा. जेम के पंजीकृत विक्रेताओं को एक बड़ा क्रेता आधार सहकारी समितियों के लिए समग्र “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” वृद्धि होने की भी उम्‍मीद है.

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