शारदीय नवरात्रि इस वर्ष 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी। इन नौ दिनों में भक्तगण मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है, जो मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और प्रिय रंग
मां ब्रह्मचारिणी को तप, संयम और ज्ञान की देवी माना जाता है। मान्यता है कि उन्हें सफेद रंग अत्यधिक प्रिय है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन श्रद्धालु सफेद वस्त्र धारण करके देवी की पूजा करते हैं।
पूजा विधि और मंत्र
भक्त प्रातः स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र पहनते हैं और घर के पूजास्थल में कलश स्थापित कर मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र की पूजा करते हैं। शुद्ध घी का दीपक जलाकर, गंगाजल से अभिषेक करने के बाद देवी को पुष्प, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया जाता है।
इस अवसर पर ‘ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः’ अथवा बीज मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः’ का जाप करना शुभ माना जाता है।
भोग और प्रसाद
मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री से बने व्यंजन, खीर, पंचामृत और सफेद पुष्प विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आरती और श्रद्धा का महत्व
पूजा के अंत में भक्तजन आरती कर प्रसाद का वितरण करते हैं। विश्वास है कि सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी का स्मरण करने से जीवन में कठिनाइयाँ दूर होती हैं और साधक को ज्ञान व धैर्य की प्राप्ति होती है।