अयोध्या: गर्भगृह निर्माण का अनुष्ठान होगा ऐतिहासिक

रामलला के घर का निर्माण एक जून को अनुष्ठानों के मध्य शुरू होने जा रहा है। श्रीरामलला के घर निर्माण के इस अनुष्ठान को अविस्मरणीय व ऐतिहासिक बनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों रामलला के गर्भगृह की पहली शिला रखी जाएगी।

इस गौरवशाली क्षण के गवाह बनने के लिए रामजन्मभूमि परिसर में डिप्टी सीएम केशव मौर्य, संत-धर्माचार्यों व संघ के पदाधिकारियों समेत कई हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। ट्रस्ट द्वारा मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर 2019 को राममंदिर के हक में निर्णय आने के बाद राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था। इसके बाद 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया गया। जिसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नाम दिया गया। 24-25 मार्च 2020 की रात टेंट में विराजमान रामलला को अस्थाई गर्भगृह में विराजित कराया गया। कोरोना काल में पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण का कार्यारंभ भूमिपूजन कर किया।

राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहे इसके लिए मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने देश की नामी तकनीकी एजेंसियों को जोड़ा। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए राममंदिर की नींव तैयार की गई है। राममंदिर की नींव 50 फीट गहरी पत्थरों की चट्टान पर है। भारत के किसी भी मंदिर की नींव शायद ही इतनी मजबूत हो। नींव तैयार करने से लेकर मंदिर का आधार बनाने में ट्रस्ट को करीब डेढ़ वर्ष का समय लगा। अब मंदिर के आधार पर रामलला के गर्भगृह का निर्माण एक जून से शुरू होने जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी रखेंगे गर्भगृह की पहली शिला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैदिक मंत्रोच्चारों के मध्य पूजन कर गर्भगृह की पहली शिला रखेंगे। इस दिन से भगवान का घर आकार लेने लगेगा। राममंदिर ट्रस्ट इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुट गया है। इस अवसर का साक्षी बनने के लिए ट्रस्ट द्वारा संत-धर्माचार्यों सहित मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।

विहिप व संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ रामजन्मभूमि परिसर में गर्भगृह में लगने वाले पत्थरों की कोडिंग आदि में इंजीनियर जुट गए हैं। उन्हें अलग किया जा रहा है, ताकि गर्भगृह के पत्थरों की सेटिंग में कोई समस्या न आने पाए।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि गर्भगृह निर्माण का अनुष्ठान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय होगा। तमाम हस्तियों को इस गौरवशाली क्षण का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। सुबह नौ बजे से गर्भगृह निर्माण के लिए अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। इसी दिन से रामलला का गर्भगृह आकार लेने लगेगा, 2023 तक गर्भगृह निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।

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