जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में घर ढहाए जाने के अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के यथा स्थिति बनाए रखने आदेश का स्वागत किया है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आशा व्यक्त करते हैं कि आगे भी फैसला पक्ष जमीयत के पक्ष में ही आएगा। उन्होंने बताया कि लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने के विरुद्ध जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इसमें अगली सुनाई गुरुवार को होगी। जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।
बयान को गलत रूप में पेश किया, हम भाईचारे के पक्षधर: नोमानी
इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि उनके 15 अप्रैल को दिए बयान को गलत रूप में पेश किया गया। उन्होंने कहा कि बयान में आत्मरक्षा के लिए हिम्मत और ताकत दिखाने की बात कही। साथ ही अमन, शांति, एकता और भाईचारे का संदेश दिया था।
बुधवार को मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि 15 अप्रैल को जुमा की नमाज में हुए बयान में देश के वर्तमान में बिगड़ते हालात पर रोशनी डालते हुए मुस्लिम समाज से इस्लामी तालीम के अनुसार सीधे रास्ते पर चलने का आह्वान किया था। इसमें पड़ोसियों और सभी देशवासियों के साथ भाईचारा और शांति का माहौल बनाते हुए अच्छा बर्ताव करने की अपील भी की गई थी। जिसका उद्देश्य यह था कि देश में जो नफरत का जहर घोला जा रहा है, उसका तोड़ पैदा किया जा सके। इसी में आत्मरक्षा को लेकर कुछ बातें कही गई थीं। लेकिन कुछ हिस्से को कांट-छांट कर पूरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। ताकि गलतफहमियां पैदा की जा सकें। मौलाना नोमानी ने कहा कि हमने हमेशा देश में कानून व्यवस्था को बढ़ावा देने और भाईचारे को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
जमीयत व दारुल उलूम की गतिविधियों पर रोक के लिए लिखा पत्र
सुदर्शन राष्ट्र निर्माण संगठन के प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता सुरेंद्रपाल सिंह ने बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर जमीयत उलमा-ए-हिंद और इस्लामिक शिक्षा संस्था दारुल उलूम की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए उन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून (एनआरसी) के मुद्दे पर आंदोलन की शुरुआत जमीयत उलमा-ए-हिंद ने देवबंद से की थी। जो बाद में पूरे देश में आग की तरह फैल गई थी। देश में जहां भी आतंकवादी पकड़े जाते हैं, जमीयत उनकी पैरवी करती है। अब दारुल उलूम के मोहतमिम अपने बयान के जरिए सड़क पर जंग लड़ने की तैयारी करा रहे हैं।