अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को 'लिबरेशन डे' के रूप में घोषित करते हुए, भारत सहित कई देशों पर नए प्रतिशोधी टैरिफ लगाए हैं। भारत पर 26% का टैरिफ लगाया गया है, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होगा। अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि यह कदम व्यापार असंतुलन को सुधारने के लिए उठाया गया है, क्योंकि भारत अमेरिकी उत्पादों पर औसतन 52% शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय उत्पादों पर न्यूनतम शुल्क लगाता रहा है। ​

भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने इन टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण शुरू कर दिया है। मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा, इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि यदि कोई देश अमेरिका से टैरिफ को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बात करता है, तो ट्रंप प्रशासन उस देश के खिलाफ टैरिफ को कम करने पर विचार कर सकता है।​

यह टैरिफ भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, ऑटो पार्ट्स, और एल्युमिनियम जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स और ऊर्जा उत्पादों को इन टैरिफ से छूट दी गई है।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है, और दोनों देश इस वर्ष के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं। भारत ने पहले ही कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम किए हैं, जैसे कि बोर्बोन व्हिस्की और मोटरबाइक्स, जिसमें अमेरिका की महत्वपूर्ण निर्यात रुचि है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफ के परिणामस्वरूप अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में वृद्धि हो सकती है और व्यापारिक अनिश्चितता बढ़ सकती है। इसके अलावा, अन्य देश भी प्रतिशोधी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ सकता है।