जीएसटी 2.0 से घरेलू खपत बढ़ेगी, ट्रंप टैरिफ का असर होगा कम

हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद यह वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है, लेकिन सरकार आम जनता को राहत देने के लिए तैयारियों में जुटी है। इस कड़ी में केंद्र सरकार GST 2.0 के तहत बड़े बदलाव लागू करने की योजना बना रही है, जिसका असर ट्रंप टैरिफ पर भी पड़ सकता है।

GST 2.0 में क्या बदलाव?
प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद GST में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसे GST 2.0 कहा जा रहा है। इस योजना के तहत 12% और 28% के दो स्लैब को हटाकर ज्यादातर वस्तुओं को निचली टैक्स श्रेणियों में लाने की तैयारी है। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की चीजें जैसे खाना, कपड़े और घरेलू सामान अब और सस्ते हो सकते हैं। इससे आम जनता पर वित्तीय दबाव कम होगा और घरेलू खपत बढ़ सकती है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 2-3 सितंबर को बुलाई गई है, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।

टैरिफ का असर घट सकता है
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया कि जब सामान सस्ता होगा, तो खरीदारी बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी, व्यापारी अधिक बिक्री करेंगे, फैक्ट्रियाँ उत्पादन बढ़ाएँगी, और रोजगार के अवसर बनेंगे। इस तरह घरेलू बाजार से हुए लाभ से अमेरिकी टैरिफ के असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

महंगाई में भी राहत
रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि GST कटौती से लगभग 10% उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई सीधे घट सकती है। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और महंगाई दर में साल भर में 50-60 बेसिस पॉइंट की कमी आ सकती है।

सावधानी के संकेत
हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों ने चेताया है कि GST कटौती से सरकार की आमदनी घट सकती है और निर्यात में होने वाले बड़े नुकसान की पूरी भरपाई केवल GST में बदलाव से संभव नहीं है। इसलिए यह कदम जरूरी है, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था में तुरंत बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

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