अन्ततः योगी मंत्रिमंडल विस्तार की डेढ़ वर्ष पुरानी प्रतीक्षा 5 मार्च, 2024 को सायंकाल समाप्त हुई जब महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में ओमप्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान, अनिल कुमार और सुनील शर्मा को कैबिनेट मंत्री पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
मंत्रिमंडल विस्तार पर सामान्यजन, मीडिया व एन.डी.ए. समर्थकों ने अपने-अपने तरीके और अपने मिजाज़ के अनुरूप विचार व्यक्त किये हैं। मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर या यूं कहिये, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक शख्स के मंत्री बनने पर जनता के सभी वर्गों में खुशी का इजहार हुआ है, वे हैं पुरकाज़ी सुरक्षित सीट से रालोद विधायक अनिल कुमार।
सहारनपुर के तहारपुर गांव से आकर बहुजन समाज पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अनिल कुमार ने किस दल से राजनीति आरंभ की, किस दल को छोड़ा, किस दल में गये, किस दल के सिम्बल पर चुनाव लड़े यह महत्त्वपूर्ण नहीं है अपितु मुख्य बात यह है कि चुनाव की राजनीति करने वाला शख्स आम लोगों से किस हद तक जुड़ा है। हमारा अनिल जी से अधिक सामीप्य नहीं है किन्तु हम इस वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि न केवल अपने पुरकाज़ी चुनाव क्षेत्र में बल्कि समस्त जनपद के हर वर्ग में उनकी गहरी पैठ है। केवल अपनी बिरादरी ही में नहीं, जनता के प्रत्येक वर्ग, जाति व सम्प्रदाय से उनका सीधा संवाद है और जनप्रतिनिधि के नाते वे सदा लोगों के सुख-दुख में शरीक रहते हैं। यह गुण हमने पिछले समय के श्रेष्ठ जननायकों- बाबू नारायण सिंह व वीरेन्द्र वर्मा जी में भी
मौजूद था।
हमारे कुछ पत्रकार भाई अनिल कुमार को मंत्री बनाने पर दलित वोटों की सेंधमारी और एनडीए का बड़ा दाँव बता रहे हैं। हमारी दृष्टि से तो यह रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयन्त चौधरी की दूरदृष्टि व राजनीतिक कौशल सोच है कि उन्होंने मंत्री पद के लिए अनिल कुमार का चयन किया। अनिल कुमार तीन बार विधायक बने किन्तु सिर्फ दलित वोटों की कथित ‘सेंधमारी’ से जीते, यह कहना सरासर गलत होगा। उन्हें हर बार दलित वोट बहुतायत से मिलते हैं किन्तु जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, वैश्य, सैनी, कश्यप आदि और मुस्लिम समाज के भी वोट बड़ी संख्या में मिलते हैं। अनिल कुमार सामाजिक समरसता के बल पर राजनीति में पैर जमाये हुए हैं। उनके मंत्री बनने से सकल समाज खुश है। आशा है मंत्री बनने पर भी यही धारणा बनी रहेगी। योगी मंत्रिमंडल में मुज़फ्फरनगर को कैबिनेट स्तर मिलना बड़ी उपलब्धि है। “देहात” की योगी आदित्यनाथ, जयन्त चौधरी व अनिल कुमार को बधाई !
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’