देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनावी अनियमितता के चलते अयोग्य ठहराने का फैसला बड़ा साहसी निर्णय था। इस निर्णय ने देश को झकझोर दिया था और इसके चलते देश में आपातकाल लगा था।
सीजेआई रमण ने शनिवार को इलाहाबाद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत की। उन्होंने उत्तर प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व हाईकोर्ट के नए भवन परिसर की आधार शिला भी रखी। इस मौके पर जस्टिस रमण ने देश की समृद्ध परंपराओं और सबसे पुरानी हाईकोर्टों में से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट के योगदान को याद किया।