भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को मलाल है कि चुनाव का बिगुल बज गया है लेकिन प्रत्याशी सक्रिय नहीं हो रहे। न कहीं कोई शोर-शराबा है, न हंगामा, न गांवों के घेरों-चौपालों में उम्मीदवारों की रेल-पेल। वाकई चुनावी मौसम में इतनी सुस्ती और चुप्पी नहीं होनी चाहिए। उम्मीदवारों को कम से कम नामांकन पत्र तो दाखिल कर ही देना था, आखिरी तारिख का इंतज़ार करने का क्या फ़ायदा ?
भले ही अभी चुनावी मैदान में भिड़ंत शुरू न हुई हो लेकिन चुनावी खबरें तो एक से एक बढ़ कर आ रही हैं। एक खबर यह आई कि बिहार के बाहुबली (जिसे मीडिया गुण्डों का सरताज बताने से बचती है) अशोक महतो ने 45 वर्ष की अनीता से इसलिए शादी कर ली कि आरजेडी के मालिक लालू यादव उसे अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारेंगे। अशोक महतो 10-10, 15-15 सामूहिक हत्याएं करने का दोषी है। चुनाव नहीं लड़ सकता इसलिए लालू ने उसकी नयी-नवेली दुल्हन को सांसद का टिकट देने की सोची है।
बिहार की एक और चुनावी खबर है। गुंडई में जिसका बड़ा नाम है, सभ्यभाषा में पत्रकार जिन्हें बाहुबली कहते हैं, वे पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी का अस्तित्व खत्म कर कांग्रेस में विलुप्त हो गए हैं। पप्पू यादव ने उन पवन खेड़ा के समक्ष दिल्ली आकर माथा टेका, जो कभी शीला दीक्षित के आगे नाक रगड़ते थे।
एक अन्य खबर या अफ़वाह, जिसकी पुष्टि हम नहीं करते, बिहार से प्रसारित-प्रचारित हुई है। कहा-सुना जा रहा है कि किसी अदालत ने बिहार के खूंखार अपराधी आनन्द मोहन की सारी खता माफ कर दी है। यह वह शख्स है जिस पर अपहरण, हत्या, रंगदारी के दर्जनों मुकदमे दायर थे। आईएएस अधिकारी (डीएम) की हत्या में जेल गया। जेल के समय उसकी पत्नी विधायक बन गई।
कथित सुशासन बाबू उर्फ पल्टूराम उर्फ नीतीश कुमार ने जेल मैनुअल में संशोधन करके इन्हें जेल से बाहर कर दिया था। यदि ऐसे नेकनाम सत्पुरुष से किसी अदालत ने सभी आरोप हटा लिए हैं तो भारतीय न्यायपालिका की जय-जयकार करने और लोकतंत्र जिन्दाबाद कहने का स्वर्ण अवसर है।
एक खास खबर उत्तरप्रदेश से संबंधित है। सोनिया कांग्रेस के निर्णय के अनुसार सहारनपुर से उसके उम्मीदवार इमरान मसूद होंगे, वहीं जिन्होंने ऐलान किया था कि वे नरेन्द्र मोदी की बोटी-बोटी काट देगा। अभी यह पता नहीं चला कि डीएमके नेता एमके स्टालिन अपने मंत्री टी.एम अनबरसन को लोकसभा चुनाव लड़ायेंगे या नहीं। मंत्री टी.एम अनबरसन ने भी नरेन्द्र मोदी की बोटी-बोटी काटने की डींग हाँकी थी। सांसद बनने पर मंत्री टी.एम अनबरसन मंत्री भी नहीं रहेगा और दिल्ली में उसका मोदी जी से आमना-सामना हो जायगा।
उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीट जीत कर दिल्ली का सिंहासन कब्जाने का दावा करने वाले सपा प्रमुख इन दिनों दिग्गज नेताओं की सलाह लेने जेल का दौरा कर रहे हैं। रामपुर जेल में बन्द आजम खान से मिलने पहुंचे आखिलेश यादव को खान साहब ने सलाह दी कि वे रामपुर से सांसदी का चुनाव लड़ें। ठीक ही है, जब दिल्ली पहुंचेंगे तभी तो विपक्षी मोर्चे में कुछ हाथ आजमा पायेंगे। खुद प्रधानमंत्री बनेंगे या राहुल गांधी को बनवायेंगे? हां, यदि ईडी ने इजाज़त दी तो केजरीवाल से भी इंडी गठबंधन के लिए कोई मुफीद सलाह ले सकते हैं।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’