मुज़फ्फरनगर लोकसभा में किसका पलड़ा भारी, इस बार विजेता कौन ?

हमने अपने साथी सुभाष चौधरी के साथ जनपद मुज़फ्फरनगर की लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली बुढाना विधानसभा के ग्राम इटावा में ग्रामीणों से बातचीत की है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले जनता का मिजाज जानने के लिए कई सर्वे हो चुके हैं। उन सर्वों के अनुसार यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी अपार सफलता पा रही है। वर्तमान परिवेश में चुनाव प्रचार का प्रमुख माध्यम इंटरनेट मीडिया बन चुका है।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा ने लगातार तीसरी बार मौजूदा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान पर विश्वास जताते हुए उन्हें पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है। इस बार सपा ने मुजफ्फरनगर सीट से पूर्व राज्यसभा सांसद हरेन्द्र मलिक को पार्टी प्रत्याशी बनाया है।

हमने ग्राम इटावा में उसी गाँव के अपने साथी दीपक राठी के साथ 102 वर्षीय व्यक्ति से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि देश के विकास में सबसे बडा रोड़ा छोटे-छोटे राजनीतिक दल हैं। छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के कारण देश का विकास रुका है। ये छोटे दल राष्ट्र की बात नहीं सोचते है, इसलिए मेने बीजेपी को चुना है, क्योकि वह राष्ट्र की बात सोचती है। वहीँ बैठे एक ग्रामीण ने कहा कि रालोद से गठबंधन होने के बाद बीजेपी को और अधिक वोट मिलेंगी। उसने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की घोषणा से भी किसान वर्ग प्रधानमन्त्री मोदी से खुश है।

इसके बाद हम दीपक राठी के साथ गाँव के कुछ युवाओं से मिले,तो बातचीत में उन्होंने कहा कि आज योगी राज में समाज में सभी लोग बिना भय के अपना काम कर रहे है। बदमाश जेल जा रहे हैं या उपर जा रहे है। वर्ष 2014 और 2019 दोनों ही लोकसभा चुनावों में हमने यहाँ से डॉ संजीव बालियान को जिताकर भेजा है और इस बार भी वर्ष 2014 जैसा माहौल है, क्योकि उन्होंने यहाँ नेशनल हाईवे जैसे बड़े कार्य किये है।

हमने अपनी इस चुनावी माहौल को देखने व समझने की यात्रा में कुछ राजपूत युवाओं से भी बातचीत की। उत्तर प्रदेश में राजपूत आठ फ़ीसदी के आस-पास है और राजनीतिक रुप से बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ बातचीत में युवाओं में मुख्यमंत्री योगी के प्रति अधिक आकर्षण देखने को मिला है, हालांकि इस क्षेत्र के सांसद व केन्द्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान के विकास के कार्यों से वे खुश थे। इसी क्षेत्र में बीजेपी नेता व जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन ठाकुर रामनाथ सिंह का गाँव भी पड़ता है।

इसके बाद हमने बुढाना में कुछ मुस्लिम युवाओं से बातचीत की। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत कुछ बदला, लेकिन बीजेपी को लेकर मुस्लिम वोटर्स का रवैया नहीं बदला था। मुस्लिम वोटर्स को लेकर आम धारणा है कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ वोट करेंगे, लेकिन वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में पार्टी को आठ प्रतिशत मुस्लिमों ने वोट दिया था। हमें युवाओं ने कहा कि इस क्षेत्र में विकास हुआ है,लेकिन मुस्लिम वर्ष अधिक संख्या में सपा के उम्मीदवार को वोट करेगा। जब हमने उनसे पूछा कि क्या विकास के नाम पर वोट नहीं करोगें, तो उन्होंने कहा कि कुछ प्रतिशत वोट इस बार बीजेपी को भी जाएगी। यह प्रतिशत विधानसभा चुनाव से कुछ अधिक हो सकता है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटें भी हैं। पिछले चुनाव से इस चुनाव तक, गठबंधनों की तस्वीर बदल चुकी है। वर्ष 2019 में सपा और बसपा के साथ जाट वोट बेस वाली जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी विपक्षी गठबंधन में शामिल थी। इस बार सपा का कांग्रेस से गठबंधन है, लेकिन जयंत की पार्टी बीजेपी के साथ है। बसपा किसी दल से गठबंधन किए बगैर अकेले चुनाव मैदान में है।

अभी तक के सफर में हमें हालांकि इस क्षेत्र के सांसद व केन्द्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान का पलड़ा काफी भारी दिखाई दिया है। उनके विकास कार्यों की चर्चा ग्रामीण आंचल में उनके समर्थन को बढ़ा रही है। हम जल्दी ही फिर मतदाताओं से बातचीत के साथ अपनी पोस्ट पर मिलेंगे।

अशोक बालियान
चेयरमैन, पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन।

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