केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि चार जनवरी को पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के 25.2 लाख मामले दर्ज किए गए। यह महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। चार जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में सामने आए कुल मामलों के करीब 65 फीसदी अमेरिका, यूके, फ्रांस, इटली और स्पेन में मिले थे।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले आठ दिनों में भारत में कोरोना के मामलों में 6.3 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 29 दिसंबर को केस पॉजिटिविटी 0.79 फीसदी थी, जो पांच जनवरी को 5.03 फीसदी हो गई। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात चिंता के विषय बने हुए हैं।
संयुक्त सचिव ने बताया कि देश के 28 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी 10 फीसदी से अधिक है। मंत्रालय के अनुसार 15 से 18 वर्ष की आयु के 7.40 करोड़ बच्चो कोविड टीकाकरण के लिए पात्र हैं। लव अग्रवाल ने बताया कि पूरी दुनिया में अभी तक कोरोना वायरस के नए और संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन से 108 मौतों की पुष्टि हुई है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि ओमिक्रॉन देश में प्रसारित हो रहा कोरोना वायरस का मुख्य वैरिएंट है। इसकी रफ्तार को कम करने के लिए भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों से बचने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि टाटा एमडी और आईसीएमआर ने मिलकर ओमिक्रॉन जांच के लिए एक आरटी-पीसीआर किट विकसित की है। इस किट को डीसीजीआई की ओर से अनुमति मिल चुकी है। यह किट चार घंटे में परिणाम दे देती है।
प्रेस वार्ता में मौजूद रहे नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि टीके की अतिरिक्त खुराक उसी टीके की होगी जो व्यक्ति को पहले लगाई गई होगी। जिन्हें कोवाक्सिन का टीका लगा है उन्हें कोवाक्सिन की एहतियाती खुराक दी जाएगी और कोविशील्ड लेने वालों को कोविशील्ड की खुराक लगाई जाएगी।
डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना वायरस की एंटी वायरल दवा मोल्नुपिराविर के साथ बड़ी सुरक्षा चिंताएं हैं। इससे उत्परिवर्तन, मांसपेशियों और हड्डियों की क्षति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह दवा दी जाती है तो तीन महीने तक गर्भधारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे पर असर पड़ सकता है। इसीलिए इसे कोविड के राष्ट्रीय इलाज कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है।