मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुनाव आयोग को कुछ सुझाव दिए

देश के पांच राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं और कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। कोरोना के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन का प्रसार भी तेजी से हो रहा है। इन स्थितियों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव स्थगित न करने का फैसला किया है। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे लेकर आयोग को कुछ सलाह दी हैं।

गहलोत ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के कारण चुनाव टाले नहीं जा सकते हैं। लेकिन कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की रैलियों पर अविलंब रोक लगा देनी चाहिए। रैलियों की जगह प्रचार के अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह सूचना प्रौद्योगिकी का युग है इसलिए प्रचार भी आईटी व सोशल मीडिया पर आधारित होना चाहिए।

प्रचार के लिए रेडियो-टीवी पर सभी पार्टियों को मिले समय
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि चुनाव आयोग टीवी, रेडियो जैसे माध्यमों पर सभी पार्टियों को टाइम स्लॉट बांट दे, जिससे सभी पार्टियों को प्रचार के समान अवसर मिल सकें। बड़ी रैलियों के स्थान पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत घर-घर प्रचार किया जाए। उन्होंने कहा कि हम अधिकांश देशवासी कोविड की दूसरी लहर की भयावहता को भूले नहीं हैं। अब देश के सामने इस जानलेवा महामारी की तीसरी लहर है। 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भयावहता भूले नहीं हैं
उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल-मई के समय किस तरह अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे थे। ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की तड़पते हुए मौत हुई थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब देश के सामने कोरोना महामारी की तीसरी लहर है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का नया और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन आगे जाकर क्या स्वरूप लेगा, यह अभी किसी को नहीं मालूम है।

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