साइकिल इंडस्ट्री के लिए वरदान बनी कोरोना महामारी, बिक्री को लगे पंख

चेन्नई
साइकिल (Bicycle) मैन्युफैक्चरर्स के लिए यह वित्त वर्ष मुनाफे के लिहाज से बेस्ट साल बनने की ओर है। इसकी वजह कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) आने के बाद से लोगों के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी जागरुकता है।

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान साइकिल की बिक्री में 22 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिसकी वजह सरकार की ओर से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए स्टैंडर्ड साइकिलों (Standard Cycle) की खरीद में गिरावट आना रहा। इसका नतीजा यह रहा कि कई बड़े साइकिल मैन्युफैक्चरर (Cycle Manufacturer) को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। हालांकि पिछला वित्त वर्ष यानी 2020-21 साइकिल मैन्युफैक्चरर्स के लिए बदलाव लेकर आया, जो कि अच्छा साबित हुआ।

प्रीमियम और किड्स साइकिल की ज्यादा डिमांड

4 सेगमेंट में बंटी हुई है- स्टैंडर्ड, प्रीमियम, किड्स और एक्सपोर्ट। महामारी ने महामारी ने फिटनेस (Fitness) और खाली वक्त की एक्सेसरी के रूप में साइकिल की मांग को बढ़ा दिया है, जिससे साइकिल की बिक्री में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। क्रिसिल के नीतेश जैन का कहना है कि साइकिल की बिक्री में प्रीमियम और किड्स साइकिल की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गई है। वहीं सामान्य साइकिल की हिस्सेदारी घटकर 36 फीसदी रह गई है। कोविड की वजह से बढ़ी फिटनेस और किड्स साइकिल की डिमांड के चलते साइकिल इंडस्ट्री इस साल 1.45 करोड़ साइकिलों की बिक्री के आंकड़े को छूने की ओर अग्रसर है। वित्त वर्ष 2020-21 में 1.2 करोड़ साइकिलों की बिक्री हुई थी।


जैन कहते हैं कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर (2nd Wave of Corona) के चलते प्रीमियम और किड्स सेगमेंट की साइकिलों की बिक्री में 22 फीसदी का उछाल आना चाहिए। साइकिल मार्केट की लीडर हीरो साइकिल्स के सीएमडी पंकज मुंजाल के मुताबिक, महामारी ने साइक्लिंग कल्चर को बढ़ावा देने का काम किया है। सार्वजनिक जगहों, शॉपिंग मॉल, जिम से दूर रहने की जरूरत लोगों को खाली वक्त की और फिटनेस एक्सेसरी के तौर पर साइकिल को अपनाने की ओर ले गई है। जब से महामारी फैली है, प्रीमियम बाइक्स की मांग शहरी क्षेत्रों में बढ़ी है जिसमें मेट्रो और टीयर 2 व टीयर 3 शहर शामिल हैं।

अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों की भी बढ़ी बिक्री

ऐसा नहीं है कि साइकिल की बिक्री केवल ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में ही बढ़ी है। कुल साइकिल बिक्री में अनऑर्गेनाइज्ड कंपनियों की हिस्सेदारी एक तिहाई रही। ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल केबी ठाकुर कहते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 में ऑर्गेनाइज्ड और अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर दोनों को मिलाकर साइकिल बिक्री 1.83 करोड़ यूनिट से ज्यादा रही। यह आंकड़ा इस वित्त वर्ष 2.2 करोड़ यूनिट को छुएगा। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

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