कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अभी भी चिंता की मुख्य वजह: मांडविया

नई दिल्ली। भारत के सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकाग) के अनुसार कोरोना के सीक्वेंसिंग डाटा में डेल्टा वैरिएंट ही चिंता का मुख्य कारण बना हुआ है जबकि अन्य वैरिएंट नगण्य हैं। इंसाकाग ने एक बुलेटिन में कहा कि वैश्विक परिदृश्य में फिलहाल कोई बदलाव नहीं आया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्‍यों को आगाह किया है कि महामारी अभी खत्‍म नहीं हुई है इसलिए पहले से अपनाए जा रहे सुरक्षा उपायों को कम नहीं किया जाना चाहिए।

इस बुलेटिन के अनुसार वैश्विक स्तर पर बी.1.617.2(एवाई) और एवाई.एक्स सबलाइनेज सहित डेल्टा ही चिंता का मुख्य वैरिएंट बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ के ताजा अपडेट के अनुसार ज्यादातर देशों में डेल्टा ने घातकता के मामले में अन्य सभी वैरिएंट को पछाड़ दिया है। डब्ल्यूएचओ को सौंपे गए सार्स सीओवी-2 के सीक्वेंस डाटा के अनुसार अन्य सभी वैरिएंट के असर में अब कमी देखी जा रही है। यह डाटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले साल पहली बार अक्टूबर में डेल्टा वैरिएंट का पता चला था। इस वैरिएंट के कारण ही कोरोना महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर पैदा की जो अप्रैल और मई में अपने चरम पर रही। इंसाकाग 28 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक कंसोर्टियम (संघ) है जिसे दिसंबर 2020 में कोरोना के विभिन्न वैरिएंट की जीनोमिक विविधताओं की निगरानी के लिए स्थापित किया गया था। इसका नेटवर्क पूरे देश में हैं और यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

वहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल बातचीत में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगाह किया कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। विश्व स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं। सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में 80 फीसद से अधिक टीकाकरण के बावजूद मामले फिर से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें टीकाकरण कराने के साथ साथ कोविड प्रोटोकाल का भी पालन करते रहना चाहिए। उन्‍होंने राज्‍यों से यह भी कहा कि महामारी के पूरी तरह खत्म होने से पहले सुरक्षा उपायों को कम नहीं किया जाना चाहिए।  

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