दिल्ली की एक अदालत में आज जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) की जमानत पर सुनवाई हुई. इस दौरान उमर के वकील ने दिल्ली दंगा मामले में गवाहों पर मनगढ़ंत बयान देने का आरोप लगाया. उमर के वकील ने अदालत से कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों (Delhi Riots) पर यूएपीए मामले के गवाहों ने मनगढ़ंत बयान दिए. उन्होंने कहा कि आधे सच पर केस नहीं बनाया जा सकता. बता दें कि वकील त्रिदीप पेस ने आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के सामने उमर की ओर से जमानत के लिए बहस की. मामले में अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी.
वकील पेस ने कोर्ट से कहा कि उमर खालिद ने व्हाट्सएप ग्रुप, दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (Delhi Protester Support Group) को केवल चार मैसेज भेजे थे. अधिकारी अब इसकी जांच कर रहे हैं. इस ग्रुप पर दिल्ली दंगों की प्लानिंग का आरोप है. उमर खालिद की तरफ से कहा गया कि इस ग्रुप को बनाने के बाद उसने सिर्फ चार मैसेज ही भेजे थे. वकील पेस ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि मैसेज की संख्या अपराध को कम कर सकता है. लेकिन इन मैसेज से पता चलता है कि दंगा में उमर (Umar Khalid) की कोई भूमिका नहीं है. वकील ने कोर्ट को उमर द्वारा भेजा गया एक मैसेज भी दिखाया. उन्होंने कहा कि उमर ने सिर्फ लोगों को विरोध वाली जगह बताई थी.
‘अधिकांश लोगों को नहीं किया गिरफ्तार’
उमर के वकील ने एक संरक्षित गवाह के बयान को पढ़ने के बाद कहा कि FIR में यह गवाह झूठ बोल रहा है. उन्होंने कहा कि गवाह के बयान या चार्जशीट में, व्यक्तियों की भूमिका में अंतर है. वकील ने सवाल उठाया कि एक व्यक्ति को चुना जाता है और दूसरों को छोड़ दिया जाता है. वकील ने कहा कि वह ये नहीं कह रहे कि दूसरों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. वकील त्रिदीप पेस ने कहा कि भूमिका में शामिल अधिकांश लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है . लेकिन उमर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे चोर की दाढ़ी में तिनका साफ दिखाई देता है.
‘किसी भी आतंकी साजिश में उमर का रोल नहीं’
कोर्ट में वकील ने कहा कि उमर के द्वारा की गई एक भी गतिविधि किसी भी साजिश या आतंकवादी कार्य की तरफ इशारा नहीं कर सकती. वहीं पुलिस का आरोप है कि उमर खालित दंगा भड़काना चाहता था. वह सड़क पर खून फैलाना चाहता था. वहीं उमर के वकील ने तर्क दिया कि उसके पास से ऐसा कुछ भी बरामद नहीं किया गया है कि जिससे ऐसा कुछ भी साबित हो सके. उमर के वकील ने इस दौरान सीलमपुर में हुई एक गुप्त बैठक का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस बैठक की तस्वीरें ली गईं थीं. इन्हें फेसबुक पर अपलोड भी किया गया था. वकील ने कहा कि अगर यह एक सीक्रेट बैठक होती तो इसकी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं होती.
उमर के वकील ने कहा कि कोई भी गवाह यह नहीं कह सकता कि वह एक गुप्त बैठक थी. उन्होंने कहा कि अगर उमर दंगों का मास्टरमाइंट है तो वह संरक्षित गवाहों के सामने साजिश के बारे में क्यों बात करेगा. उन्होंने कहा कि गवाह मनगढ़ंत हानी बना रहा है. सिर्फ आधे सच के साथ केस नहीं बनाया जा सकता.