धर्मसंसद प्रकरण: जीतेन्द्र त्यागी (वसीम) के विरुद मुकदमा दर्ज

धर्मसंसद में हेट स्पीच के मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रिजवी के खिलाफ अब ज्वालापुर कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। उन पर धार्मिक स्थलों, धर्मगुरुओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी और उन्मादी भाषण का आरोप है। पुलिस ने धारा 153ए और 298 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में हुई थी धर्मसंसद
ज्वालापुर कोतवाल चंद्र चंद्राकर नैथानी के मुताबिक, नदीम अली निवासी मोहल्ला कोटरावान ज्वालापुर ने शिकायत देकर बताया कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्मसंसद हुई थी। इसमें विशेष संप्रदाय के लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ने और एक धर्म के ग्रंथ के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग हुआ। नदीम का कहना है कि इस प्रकरण की निंदा भारत समेत अन्य देशों में हुई। पूर्व सेना अध्यक्ष वेद मलिक और पूर्व नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश ने भी इसकी आलोचना की।

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नदीम के मुताबिक, धर्मसंसद का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें धर्म विशेष के लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने की मांग भी की गई। तहरीर में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, संत सागर सिंधू, धर्मदास, परमानंद, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण के और स्वामी प्रबोधानंद गिरि के नाम भी लिखे हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी सिर्फ वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बचाव और दबाव बनाने की मुद्रा में संत 
धर्म संसद में हेट स्पीच के मामले में दर्ज मुकदमे में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और धर्मराज सिंधू का नाम बढ़ाने और एसआईटी जांच बैठाए जाने के बाद संत समाज बचाव एवं दबाव बनाने की मुद्रा में आ गया है।

धर्म संसद के प्रमुख वक्ता एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने रविवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि संतों की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। पुलिस संतों का मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है तो संतों के खिलाफ दर्ज मुकदमा भी रद्द किया जाए। ऐसा नहीं करने पर संत समाज ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्म संसद में किसी ने हेट स्पीच नहीं दी। किसी को मारने की बात नहीं की, लेकिन संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ जो सड़कों पर उतरकर कानून व्यवस्था भंग कर रहे हैं और पुलिस मुख्यालय का घेराव कर रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है।

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