नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के पिछले दिनों दिए बयान के बाद से कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। उन्होंने बीते दिनों बंगाल में आईएसएफ के साथ गठबंधन को लेकर सवाल उठाए थे। इस पर पार्टी के कुछ नेताओं ने आपत्ति दर्ज की।
बगावती नेताओं के कथित समूह ‘जी-23’ को लेकर उन्होंने कहा कि ये हमारी कुछ चिंताएं हैं जो महज बातें नहीं हैं, बल्कि तथ्य हैं। शर्मा के अनुसार हम जो कह रहे हैं उसे सही मायनों में समझना जरूरी है। हम पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। हम कांग्रेस के लिए एकजुट हैं,हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते हैं जो पार्टी को कमजोर करे।
शर्मा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में हम कांग्रेस प्रत्याशियों को शुभकामना देते हैं और जहां भी हमसे प्रचार करने के लिए कहा जाएगा हम करेंगे। कांग्रेस नेता ने पार्टी से बगावत के सवाल पर कहा कि ‘बगावत किसके खिलाफ। सोनिया गांधी के नेतृत्व में हम सब विश्वास करते हैं। आज तक मैंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ एक टिप्पणी तक नहीं की है।’
गौरतलब है कि शर्मा ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा था कि बंगाल में आईएसएफ के साथ पार्टी के गठजोड़ गलत है। ये कांग्रेस की विचारधारा के विपरीत है। शर्मा ने कहा कि मैंने जो कहा वह चिंता जाहिर करने का एक माध्यम है। मैं कांग्रेस की विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित होने के साथ पार्टी के इतिहासकारों और विचारकों में से एक हूं। इसे उस संदर्भ में लिया जाना चाहिए।
उधर, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि पार्टी ने 92 सीटों की मांग की थी, इसे मान लिया गया। हमारा इरादा भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ सेक्युलर और एकजुट मोर्चा तैयार करना है। मैं इस जंग में सभी से एकजुट होने की अपील करता हूं।