‘आग से ना खेलें सीएम ममता बनर्जी’, बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर हमले के बाद बोले बंगाल के गवर्नर

डायमंड हार्बर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी को सतर्क करते हुए कहा कि आप आग से ना खेलें. धनखड़ ने कहा कि ममता भारतीय संविधान, कानून-व्यवस्था और बंगाल की संस्कृति का पालन करें. बंगाल गवर्नर बोले, ‘मैंने संविधान की शपथ ली है और आपने भी शपथ ली है, दोनों ने संविधान के तहत काम करने की प्रतिबद्धता जताई है. यदि आप अपने दायित्व से भटकती हैं, तो मेरे दायित्व की शुरुआत होती है.’

बता दें कि कल की घटना को लेकर राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी रिपोर्ट दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 दिसंबर को बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया है. उन्होंने कहा कि वह कुछ ब्यूरोक्रेट्स को संदेश देना चाहते हैं कि वह राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं  इससे अपने को बचाएं.

राज्यपाल ने गुरुवार को राजभवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. मेरे बार-बार मुख्यमंत्री व प्रशासन को सतर्क करने के बावजूद यह स्थिति हो रही है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं अपने संवैधानिक दायित्व का पालन कर रहा हूं और मुख्यमंत्री को संविधानिक दायित्व का पालन करना चाहिए. सभी को संविधान मान कर चलना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कई बार सीएम को पत्र लिखा, लेकिन उसका जवाब उन्होंने नहीं दिया. इसका साफ मतलब है कि वह कानून के अनुसार काम नहीं कर रही हैं. भाई-भतीजावाद चल रहा है. उन्होंने बंगाल ग्लोबल समिट के दौरान निवेश को लेकर भी सीएम से सवाल पूछा था कि 12 लाख 30 हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात कह रही है. वह निवेश कहां हो रहा हैं.’

‘मानवाधिकार का हुआ उल्लंघन’

राज्यपाल ने कहा कि कल एक महत्वपूर्ण दिन था. मानवाधिकार दिवस था. पूरा विश्व मानवाधिकार दिवस का पालन कर रहा था. बंगाल में मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है. मैंने मुख्यमंत्री के बयान को बहुत ही गंभीरता से लिया है. कैसे एक जिम्मेदार सीएम, जो संविधान पर, कानून पर विश्वास करती हैं. बंगाल की समृद्ध संस्कृति को प्रतिनिधित्व करती है, वह इस तरह का बयान दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने उनसे बयान और वीडियो वापस लेने की अपील की है. एक जिम्मेदार सीएम क्या इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करती हैं. यदि वह क्षमा मांगती हैं, तो उससे उनका सम्मान बढ़ेगा. उन्होंने स्थानीय एमएलए व एमपी से अपील की कि घटनाएं घटती रहेगी, लेकिन प्रजातंत्र को नहीं आघात करें. डायमंड हार्बर के एमपी को वह नहीं कहना चाहिए था. जो उन्होंने कहा था. वह ऐसे व्यक्ति के बारे में बयान दे रहे हैं, जो उन्हें नहीं कहना चाहिए था. सौगत रॉय के बयान से उन्हें दुःख पहुंचा है. उनका बयान वह क्यों डायमंड हार्बर में गए थे. उन्होंने भारत के संविधान की आत्मा को आघात पहुंचाया है. हमें और भी जिम्मेदार होने की जरूरत है.

‘मुख्यमंत्री आग से ना खेलें’

राज्यपाल ने कहा, ‘यह बयान देना कि ये बाहर के हैं. हम भारतवर्ष में हैं. यह बात करना यह अंदरुनी है और यह बाहरी है. मुख्यमंत्री आग से ना खेलें. जो कानून के शासन पर विश्वास करता है. संविधान की प्रस्तावना को पढ़े. भारत की आत्मा एक है. भारत की नागरिकता एक है. यह तो खतरनाक खेल है. कौन बाहरी, कौन अंदरूनी उसे त्याग दें. भारत के महान प्रजातांत्रिक भावना पर सैद्धांतिक भावना के तहत इस तरह का काम नहीं करेंगी. मैं मान कर चलता हूं कि वह मेरे बात पर ध्यान देंगी.’

सीएस व डीजीपी के रवैये से लज्जित

राज्यपाल ने कहा कि कल की घटना के बारे में जब मुझे जानकारी मिली तो चिंता होना स्वाभाविक था. सुबह से राज्य के सीएस व डीजीपी से संपर्क साधा. मैंने डिटेल्स जानकारी दी. कहा कि आपकी पुलिस राजनीतिक पुलिस हो गई है. इस कारण यह घटना हो गई है. उसके बाद वह साइलेंस मोड में चले गए. भ्रष्टाचार का बोलबाला है. प्रशासन का राजनीतिकरण हो गया है. उनको लिखित में निर्देश था. सभी लंबित मामले पर बात करुंगा, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी. मैं शॉक्ड था. लज्जित था. वे वरिष्ठ अधिकारी थे. आइपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. यह रिपोर्ट में सामने आया है. इस मामले में चार्जशीट भी दायर किया गया है.’

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