बहराइचः कस्बा महराजगंज में 13 अक्तूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के जलूस में शामिल रामगोपाल मिश्रा के पांच दोषियों- अब्दुल हमीद, उसके बेटों सरफराज उर्फ रिंकू, फहीम व तालीम उर्फ बबलू तथा मौहम्मद अफजल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सर्फराज व तालीम भारत-नेपाल सीमा पार कर भागने की फिराक में थे। मुठभेड़ के दौरान उनके पैरों में गोली लगी है।
पुलिस ने रामगोपाल मिश्रा पर फायर करने के दृश्य का वीडियो बरामद कर लिया है। मिश्रा के हत्यारों के पकड़े जाने पर पहली प्रक्रिया सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का आया। गुस्से से तमतमाये अखिलेश ने कहा- 'योगी अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए एनकाउंटर कराते हैं। वैकल्पिक एनकाउंटर कराते हैं। अब बहराइच में फर्जी हॉफ एनकाउंटर कराया। जो लोग यह कर रहे हैं, उन्हें कल जेल जाना पड़ेगा।'
अपराधियों, हत्यारों, असामाजिक तत्वों पर हाथ डालने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को अखिलेश की खुली धमकी है। अतीक व अशरफ़ अहमद तथा मुख्तार अंसारी की कब्रों पर फातिहा पढ़ते हुए भी इसी तरह की धमकियां दी गई थीं। वीडियो मौजूद हैं।
अखिलेश के बयान के फौरन बाद से पूरे देश में गजवा-ए-हिंद के मुजाहिदों का विधवा विलाप (जिसे देसी भाषा में रांड रोना कहा जाता है) शुरू हो गया। सरफराज व तालीम के पैरों में गोली लगने की खबर से बिलबिलाये इमरान मसूद व मौलाना अरशद मदनी, अफजल अंसारी से लेकर सरवर चिश्ती व मुफ्ती हारून नदवी और अन्य सैकड़ों मौलाओं ने कैमरे पर आकर मुसलमानों को इस्लाम का वास्ता देकर हिन्दुओं के विरुद्ध सड़कों पर उतर कर लामबंद होने का आह्वान किया। कहा कि मुस्लिमों का कत्लेआम अब बर्दाश्त नहीं। हम बुज़दिल कौम नहीं हैं। हिंदू एक होंगे तो मुसलमानों को कौन रोक सकता है, वगैरह वगैरह। इंडिया टीवी और टाइम्स नॉब पर ये सभी जहरीले भाषण उपलब्ध हैं।
बात सरफराज या तालीम के पैरों में गोली लगने की नहीं। हिजाब, सीएए व एनआरसी के बहाने भी यही माहौल बनाया गया था। 2047 तक गजवा-ए-हिन्द की मुहिम को ये आज ही अमली जामा पहनाने को उतावले हैं। इनके आगे राहुल और अखिलेश खड़े हैं। पीछे पी. एफ. आई. के गुर्गे खड़े हैं। खुली आंखों से देखने पर सब साफ-साफ दिखेगा।
गोविन्द वर्मा